जब हम राजनीति, समाज में शक्ति, निर्णय‑लेन‑देन और सार्वजनिक नीति की प्रक्रिया. इसे अक्सर पॉलिटिक्स कहा जाता है, तो वह केवल चुनाव‑तोड़‑फोड़ या वैभव की कहानी नहीं है। राजनीति रोज़ की जिंदगी में तालमेल बिठाती है, सरकार की बना‑बनाती बनाती है, और भ्रष्टाचार की चमक‑धाँध को उजागर करती है। इस पृष्ठ पर हम नीचे देखेंगे कि कैसे ये तत्व आपस में जड़े हुए हैं।
एक प्रमुख विषय भ्रष्टाचार, सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में गलत लाभ प्राप्त करने की अवैध प्रथा है। हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश के बदायूँ में करुणात्मक नियुक्तियों की घोटाले ने कई सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। इस प्रकार के मामलों में राजनीति न सिर्फ जांच को तेज़ करती है, बल्कि सार्वजनिक भरोसा भी बचाती है। भ्रष्टाचार को उजागर करने में राजनीति का रोल अक्सर कानूनी कार्रवाई और नीति बदलाव का जनक बन जाता है।
दूसरे बड़े ध्यान के केंद्र में चुनाव, जनता के प्रतिनिधियों को चुनने के लिये आयोजित मतदान प्रक्रिया आता है। यूपी में राणा सांगा के विवादित बयानों पर केस दर्ज होना, या महाराष्ट्र में विनोद तावड़े पर नगद बाँटने के आरोप – ये सब चुनावी माहौल को गरमाते हैं। चुनाव न सिर्फ मतदाताओं की आवाज़ सुनते हैं, बल्कि पार्टी‑डायनामिक को भी फिर से कागज पर उतारते हैं, जिससे अगली सरकारी नीति की दिशा तय होती है।
तीसरा अहम तत्व सरकार, देश या राज्य की कार्यकारी शक्ति जो नीतियों को लागू करती है है। सरकार चुनाव के बाद सत्ता में आती है, फिर राजनीति के माध्यम से विभिन्न विभागों में नियुक्तियों और निर्णयों को लागू करती है – जैसे कि प्रधानमंत्री के द्वितीय प्रधान सचिव के रूप में शक्तिकांत दास की नियुक्ति। ऐसी नियुक्तियाँ आर्थिक सुधार, विदेशी नीति या सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में दिशा तय करती हैं। सरकार का काम नीतियों को बनाना, लागू करना, और उनकी सफलता पर निरंतर निगरानी रखना है।
इन तीन प्रमुख घटकों – भ्रष्टाचार, चुनाव और सरकार – की आपसी कड़ी को समझना हमारे लिए जरूरी है। राजनीति इनके बीच पुल का काम करती है: यह भ्रष्टाचार को उजागर करती है, चुनाव को संरचित करती है, और सरकार को दिशा देती है। हमारी साइट पर आपको इन विषयों से जुड़ी विस्तृत रिपोर्टें, विश्लेषण और स्थानीय स्तर पर हुई घटनाएं मिलेंगी, जैसे कि अटल सेतु में दरार, जेडी वेंस का अमेरिकी राजनीति में कदम, या संसद में असदुद्दीन ओवैसी का विवाद। हर लेख संक्षिप्त, तथ्य‑आधारित और समझने में आसान है, ताकि आप तुरंत जानकारी हासिल कर सकें।
नीचे दी गई सूची में हम उन सभी राजनीतिक समाचारों को इकट्ठा कर रहे हैं जो हाल ही में चर्चा में रहे हैं। चाहे वह नियुक्तियों में घोटाला हो, चुनावी अभियानों की टकटकी, या राष्ट्रीय स्तर के नीति बदलाव – यहाँ सब कुछ मिलेगा। ये लेख आपके दैनिक अपडेट को आसान बनाते हैं और हर महत्वपूर्ण मोड़ पर आपका साथ देते हैं। आगे बढ़ते हुए, आप इन रिपोर्टों के माध्यम से राजनीति की गहरी समझ और वर्तमान घटनाओं की व्यापक तस्वीर पा सकेंगे।
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उत्तर प्रदेश के बदायूँ जिले में करुणात्मक आधार पर नियुक्तियों को लेकर फर्जी दस्तावेज़ों की जड़ तक पहुँचा गया है। योगी सरकार ने इस मामले में कई कर्मचारियों को सस्पेंड कर एक बड़े छानबीन की शुरुआत की है। जांच में फर्जी साक्ष्य, झूठे मेडिकल रिपोर्ट और अनावश्यक छूट दिखाई गई। कई राजनीतिक दलों ने इस कदम का स्वागत किया, जबकि कुछ ने प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की। इस स्कैम के पर्दे पर आने से राज्य में भर्ती प्रक्रियाओं की सच्चाई फिर से सवालों के घेरे में आ गई है।
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आगरा में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी के चलते केस दर्ज हुआ है। राजपूत समुदाय ने बयान को अपमानजनक बताते हुए भारी विरोध और हिंसा का प्रदर्शन किया। दोनों के खिलाफ सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और कानून तोड़ने के आरोप लगे हैं।
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पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का द्वितीय प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। उनका योगदान अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में प्रमुख रहा है। यह नियुक्ति देश के आर्थिक सुधारों की दिशा में मोदी के ध्यान को दर्शाती है।
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर वोटों को लुभाने के लिए नगद बांटने का आरोप लगा है। यह आरोप बहुजन विकास आघाड़ी (बीवीए) ने लगाया है और घटना पालघर जिले के विवांता होटल में घटी। आरोप हैं कि तावड़े के पास 5 करोड़ रुपये की नगदी मिली। तावड़े ने सभी आरोपों से इनकार किया है और चुनाव आयोग से निष्पक्ष जाँच की मांग की है।
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राम माधव, पूर्व बीजेपी महासचिव, को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा की गई। माधव के साथ केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी भी इस जिम्मेदारी को साझा करेंगे। यह नियुक्ति आर्टिकल 370 के हटने के बाद हो रहे पहले विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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टीएमसी नेता अभिषेक बैनर्जी ने लोकसभा में केंद्रीय बजट की निंदा की और इसे 'जनविरोधी' बताया। उन्होंने बजट को एनडीए सहयोगियों को खुश करने के लिए बनाया गया बताया और भाजपा सरकार पर 'धोखा,' 'बेरोजगारी,' और 'त्रासदी' का आरोप लगाया। बैनर्जी ने यह भी कहा कि बजट का कोई दृष्टिकोण नहीं है और यह आम जनता के हितों की अनदेखी करता है।
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पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगामी चुनाव के लिए ओहायो के सीनेटर जेडी वेंस को अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। वेंस, जो कभी ट्रंप के आलोचक थे, अब उनके प्रबल समर्थक बन गए हैं। उन्होंने 2016 में 'हिलबिली एलिगी' लेखन के माध्यम से राष्ट्रीय पहचान प्राप्त की, जो एपलाचियन समुदायों की सामाजिक-आर्थिक संघर्षों को दर्शाता है।
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सात राज्यों में हुए उपचुनाव में #INDIAbloc ने 13 में से 10 सीटें जीतीं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चारों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की, जिसमें सुप्ती पांडे, कृष्ण कल्याणी, मुकुट मणि अधिकारी, और मधुपर्णा ठाकुर ने अपने-अपने क्षेत्रों में जीत दर्ज की।
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फ्रांस के हालिया चुनाव के परिणामों ने सभी को चौंका दिया है। मरीना ली पेन की अपेक्षित जीत की बजाय, वामपंथी गठबंधन ने भारी सफलता हासिल की। जीन-लुक मेलेंचॉन ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को हार स्वीकार करने पर जोर दिया। हालांकि वामपंथी गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जिससे संसद में अस्थिरता रह सकती है।
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भारतीय संसद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान 'जय पलेस्तीन' का नारा लगाकर विवाद खड़ा कर दिया। यह घटना 18वीं लोकसभा के दौरान हुई और सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इसके लिए माफी की मांग की। ओवैसी ने कहा कि उन्हें संविधान की जानकारी है और उन्हें धमकियों से डर नहीं लगता।
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बीजेपी के ओम बिड़ला और कांग्रेस के के. सुरेश लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। बुधवार को इस पद के लिए मतदान होगा। दोनों नेता एनडीए और आई.एन.डी.आई.ए. ब्लॉक के उम्मीदवार हैं। यह मुकाबला तब हुआ जब सरकार और विपक्ष में सहमति नहीं बन सकी।
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18वीं लोकसभा के पहले सत्र का प्रारंभ हुआ, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भूपेंद्र यादव को प्रोटेम स्पीकर के पद की शपथ दिलाई। पीएम मोदी और राहुल गांधी दोनों ने सदन में एक-दूसरे का अभिवादन किया। विपक्ष ने संविधान की प्रतियां लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
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