जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए राम माधव की बीजेपी में वापसी, जी किशन रेड्डी भी शामिल

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अग॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए राम माधव की बीजेपी में वापसी, जी किशन रेड्डी भी शामिल

जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए राम माधव की महत्वपूर्ण वापसी

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव राम माधव की जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर से एंट्री हो चुकी है। यह खबर तब आई जब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किया। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में वह केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के साथ मिलकर काम करेंगे।

राम माधव का नाम भारतीय राजनीति में जाना-माना है। पूर्व में बीजेपी महासचिव रहते हुए, उन्होंने 2014 से 2020 के बीच पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया। विशेष रूप से, जब 2014 के विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर में कोई स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, तो माधव ने बड़ी कुशलता से बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन करवाया और 2015 में राज्य में गठबंधन सरकार बनाई।

कठिन परिस्थितियों का सामना करने में कुशल

राम माधव की नियुक्ति के पीछे प्रमुख कारण उनकी चुनावी रणनीति और राजनीतिक ज्ञान है। 2020 में महासचिव पद से हटने के बाद भी वह राजनीति से दूर नहीं हुए। अपनी भूमिका को बदलते हुए उन्होंने इंडिया फाउंडेशन के साथ कार्य किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकारी सदस्य बने रहे। उनके राजनीति के प्रति समर्पण और अनुभव को देखते हुए बीजेपी ने यह निर्णय लिया, जो कि निश्चित ही एक साहसिक कदम है।

यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक होने वाला है। यह पहला चुनाव है जब केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी। इस बार चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। क्षेत्र में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं को देखते हुए केंद्र ने लगभग 300 पैरामिलिट्री बलों की कंपनियों को चुनावी ड्यूटी के लिए भेजा है।

जी किशन रेड्डी की अहम भूमिका

राम माधव के साथ इस जिम्मेदारी को साझा करने वाले जी किशन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री हैं और राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक समझ पार्टी को इस महत्वपूर्ण चुनाव में मजबूती प्रदान करेगी। जम्मू-कश्मीर की जटिल राजनीतिक परिदृश्य में इन दोनों नेताओं की भागीदारी से यह उम्मीद की जा सकती है कि बीजेपी एक मजबूत प्रदर्शन करेगी।

राम माधव और जी किशन रेड्डी की नियुक्ति बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है, जो पार्टी के मूल सिद्धांतों के साथ जुड़ने और चुनावी अभियान को मजबूती प्रदान करने की ओर इंगित करती है। पार्टी का यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने का प्रयास है।

जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक परिदृश्य

जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक परिदृश्य

जम्मू-कश्मीर की राजनीति ने हमेशा राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। हाल ही में, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद, स्थिति और भी जटिल हो गई है। इस बार के चुनाव में बीजेपी सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से कश्मीर घाटी में अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। इन चुनावों में किसी भी परिणाम की संभावना को देखते हुए पार्टी हर संभव प्रयास कर रही है।

राम माधव की वापसी ने निश्चित रूप से बीजेपी कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। उनके रणनीतिक दृष्टिकोण और पिछले अनुभवों को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि वह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित होंगे।

स्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, माधव और रेड्डी के नेतृत्व में भाजपा एक मजबूत चुनावी अभियान चलाने की पूरी कोशिश करेगी।

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