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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)
जुलाई की तपती धूप में, लंदन के प्रसिद्ध ऑल इंग्लैंड क्लब में, टेनिस के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट विंबलडन के मैदान गूंज उठे जब विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी यानिक सिनर ने 14वीं वरीयता प्राप्त बेन शेल्टन को सीधे सेटों में हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। यह मुकाबला कोर्ट वन पर खेला गया जहां सिनर ने 6-2, 6-4, 7-6 (11/9) के स्कोर के साथ अपनी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया।
मुकाबले के दौरान 22 वर्षीय इतालवी खिलाड़ी सिनर ने जबरदस्त संयम और नियंत्रण का परिचय दिया। पूरे खेल में उन्होंने शानदार फोरहैंड शॉट्स और सटीक सर्विस का प्रदर्शन किया। पहले दो सेटों में उन्होंने शेल्टन को आसानी से मात दी लेकिन तीसरे सेट में शेल्टन ने एक कड़ी चुनौती पेश की। हालांकि, सिनर ने अपनी ताकतवर मानसिकता और धैर्य से इस चुनौती का सामना किया और टाई ब्रेक में जीत दर्ज की।
यह सिनर का लगातार तीसरा साल है जब वे विंबलडन क्वार्टरफाइनल में पहुंचे हैं। उन्होंने अपने अनुभव और उत्कृष्ट खेल कौशल का उपयोग करते हुए इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को छुआ है। पिछले साल भी उन्होंने इसी मंच पर अपनी छाप छोड़ी थी और इस बार भी उनकी नजरें खिताब पर टिकी हैं।
सिनर की इस साल की शुरुआत भी काफी प्रबंधनीय रही थी जब उन्होंने अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता था। इस जीत ने उनके आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अब वे विंबलडन में भी अपने उसी फॉर्म और जीत की लड़ी को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं।
सिनर की महत्वाकांक्षा केवल क्वार्टरफाइनल तक सीमित नहीं है। उनकी नजरें विंबलडन खिताब पर हैं और वह पहले इतालवी खिलाड़ी बनना चाहते हैं जो यह प्रतिष्ठित खिताब जीते। इसके लिए उनका अगले मुकाबला ग्रिगोर दिमित्रोव या दनियल मेदवेदेव में से किसी के साथ होगा। इस संघर्ष में उन्हें एक बार फिर से अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करना होगा।
हालांकि बेन शेल्टन ने भी अपनी तरफ से शानदार खेल का प्रदर्शन किया और तीसरे सेट में जबरदस्त वापसी की कोशिश की। उनका सर्विश गेम और फ्लैट शॉट्स ने सिनर को चुनौती दी। हालांकि, वे अपनी पूरी क्षमता के बावजूद सिनर के अनुभव और धैर्य के आगे टिक नहीं पाए।
सिनर की इस सफर ने टेनिस जगत में नई तरक्की की बात की है। उनकी जबरदस्त खेल नीति और अनुशासन ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान पर ला खड़ा किया है। आने वाले क्वार्टरफाइनल में, उनका सामना जो भी प्रतिद्वंद्वी होगा, वह भी इस बात से वाकिफ रहेगा कि सिनर को हराना कोई आसान काम नहीं है।
सिवासी तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यानिक सिनर का यह सफर जितना रोमांचक है उतना ही प्रेरणादायक भी। आने वाले मैचों में उन्हें अपने धैर्य, संयम और उत्कृष्ट खेल को बनाए रखना होगा ताकि वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को हकीकत में बदल सकें।