जब बात बजट 2024, 2024 का वार्षिक वित्तीय योजना, जिसमें राजस्व, खर्च और नीति दिशा‑निर्देश शामिल हैं. Also known as आर्थिक बजट 2024 की आती है, तो सबसे पहले दो चीज़ें ध्यातव्य होती हैं – वित्तीय नीति, सरकार की आय‑व्यय को नियंत्रित करने का ढाँचा और कर नीति, कर संरचना में किए गए बदलावों का समूह. ये दोनों ही बजट 2024 के मुख्य स्तंभ हैं, क्योंकि बिना स्पष्ट नियमों के राजस्व संग्रह और खर्च का संतुलन सम्भव नहीं।
सार्वजनिक निवेश को बढ़ाना, अभिवृद्धि की गति तेज़ करना और बाजार की प्रतिक्रिया को स्थिर रखना – ये तीनों लक्ष्य सार्वजनिक खर्च, बुनियादी संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में सरकार का निवेश के माध्यम से हासिल होते हैं। यानी, बजेट 2024 कर नीति में बदलाव लाता है, जिससे करदाता का बोझ हल्का या बोझिल हो सकता है; साथ ही यह सार्वजनिक निवेश को बढ़ाता है, जिससे निर्माण‑भवन, क्लीन एनेर्जी जैसे क्षेत्रों में काम बढ़ता है; और अंत में, इन सभी कदमों से बाजार प्रतिक्रिया को आकार दिया जाता है, जिससे शेयर‑बाजार, सोना‑चांदी जैसे वस्तुओं की कीमतें तय होती हैं। वित्तीय नीति बजट के कार्यान्वयन को निर्देशित करती है, जबकि कर सुधार आर्थिक विकास को तेज़ करता है। इन प्रवृत्तियों को समझना आज के निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए ज़रूरी है।
नीचे आपको इस टैग से जुड़े ताज़ा लेख, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय मिलेंगी – चाहे वो सोने‑चांदी की कीमतों पर असर हो, या Nifty‑Bank Nifty के उतार‑चढ़ाव। इस संग्रह को पढ़कर आप बजेट 2024 के विभिन्न पहलुओं को बेहतर देख पाएँगे और अपनी वित्तीय योजनाओं को उसी हिसाब से समायोजित कर सकेंगे। अब आगे बढ़ते हैं और देखें कौन‑सी ख़बरें इस बजट के सबसे बड़े प्रभाव को उजागर करती हैं।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 के बजट में प्रतिभूति लेन-देन कर में वृद्धि के प्रस्ताव के बाद भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। सेन्सेक्स 102.57 अंक गिरकर 80,502.08 पर और निफ़्टी 21.65 अंक गिरकर 24,509.25 पर बंद हुआ। पिछले शुक्रवार को उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद यह गिरावट आई।
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बजट 2024 में उद्योग को पूंजी लाभ कर में राहत की उम्मीद है। वर्तमान पूंजी लाभ कर प्रणाली जटिल है जिसमें अलग-अलग दरें और होल्डिंग अवधि होती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे सरल और मानकीकृत करना निवेशकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। उद्योग एक समानता की उम्मीद कर रहा है जो निवेश पर्यावरण को अधिक अनुकूल बना सकती है।
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