बजट 2024: उद्योग को केंद्र से पूंजी लाभ कर राहत की उम्मीद

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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

बजट 2024: उद्योग को केंद्र से पूंजी लाभ कर राहत की उम्मीद

उद्योग की उम्मीदें बजट 2024 से

भारत का पूंजी लाभ कर (Capital Gains Tax) नियमावली बहुत जटिल है। इसके अंतर्गत विभिन्न परिसंपत्तियों जैसे इक्विटीज, ऋण उपकरणों और अचल संपत्ति के लिए अलग-अलग दरें और होल्डिंग पीरियड्स होते हैं। वर्तमान में पूंजी लाभ कर की दर 10% से 30% के बीच होती है, जो होल्डिंग पीरियड के अनुसार बदलती है। होल्डिंग पीरियड एक साल से लेकर तीन साल तक हो सकता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि पूंजी लाभ कर को सरल और एकसमान बनाने से निवेशकों को बड़ा लाभ हो सकता है। इसमें होल्डिंग पीरियड्स को सरलीकृत करना, दीर्घकालिक और अल्पकालिक दरों में समानता लाना और इंडेक्सेशन के लिए बेस साल को अपडेट करना शामिल है। वर्तमान में निवेशक और उद्योग एक सरल पूंजी लाभ कर ढांचे की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें घरेलू इक्विटीज और म्यूचुअल फंड्स के लिए एक समान होल्डिंग पीरियड शामिल हो सकता है।

वर्तमान पूंजी लाभ कर परिदृश्य

वर्तमान पूंजी लाभ कर परिदृश्य

वर्तमान पूंजी लाभ कर परिदृश्य में, सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 में सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) से 9,72,224 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इसके विपरीत, दीर्घकालिक पूंजी लाभ (LTCG) कर वसूली काफी कम है।, यह स्थिति वित्तीय विशेषज्ञो के दृष्टिकोण से निवेशकों के लिए उत्साहजनक नहीं है।

म्यूचुअल फंड उद्योग मानता है कि सरकार कोई ऐसा बड़ा बदलाव नहीं करेगी जिससे निवेशकों में अस्थिरता आ जाए। मार्च 2023 में वित्त विधेयक में किए गए संशोधनों ने ऋण निधि निवेश की कराधान को प्रभावित किया। उद्योग विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि LTCG मोर्चे पर कुछ राहत मिलेगी, जिससे निवेश पर्यावरण और अधिक अनुकूल हो सकेगा।

पूंजी लाभ कर में बदलाव की संभावनाएं

पूंजी लाभ कर में बदलाव की संभावनाएं

वित्त मंत्री अरुण जेटली और पी. चिदंबरम ने पिछले समय में पूंजी लाभ कर नियमों में बदलाव किए थे। इससे उद्योग को उम्मीद है कि बजट 2024 में कुछ सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। उद्योग जगत को उम्मीद है कि आगामी बजट में पूंजी लाभ कर में सरलता और समानता लाई जाएगी, जिससे निवेश की प्रक्रिया अधिक स्पष्ट और आसान हो सकेगी।

फाइनेंस बिल में किए गए हालिया बदलावों का उद्योग पर क्या असर पड़ा है, इस पर विचार करते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर में कुछ राहत दी जा सकती है। इसका उद्देश्य निवेशकों को प्रोत्साहित करना और निवेश के माहौल को सुधारना है।

संभावित सुधार और उपाय

संभावित सुधार और उपाय

विशेषज्ञ मानते हैं कि पूंजी लाभ कर नियमों में सुधार की जरूरत है। इसमें होल्डिंग पीरियड्स को सरलीकृत करना, दीर्घकालिक और अल्पकालिक दरों में समानता लाना और इंडेक्सेशन के लिए बेस साल को अपडेट करना शामिल है। वर्तमान में निवेशक और उद्योग एक सरल पूंजी लाभ कर ढांचे की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें घरेलू इक्विटीज और म्यूचुअल फंड्स के लिए एक समान होल्डिंग पीरियड शामिल हो सकता है।

उद्योग को उम्मीद है कि बजट 2024 में इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। पूंजी लाभ कर को सरल और एकसमान बनाने से निवेशकों को बड़ा लाभ हो सकता है और निवेश पर्यावरण को अधिक अनुकूल बनाया जा सकेगा।

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