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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)
पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) ने आखिरकार साल 2025 की कक्षा 10वीं की परीक्षा के नतीजे 2 मई की सुबह 9:45 बजे जारी कर दिए। रिजल्ट का इंतजार कर रहे लाखों छात्रों और उनके परिवारों के लिए खुद नंबर का दिन किसी त्योहार से कम नहीं रहा। इस बार करीब West Bengal Board के 10 लाख छात्र-छात्राओं ने एग्जाम में हिस्सा लिया था, जिनमें से 9,50,276 बच्चों ने सफलता का झंडा फहराया है।
इस साल का कुल पास प्रतिशत 86.56% रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले मामूली बढ़त लिए हुए है। 2024 में यह आंकड़ा 86.15% था। यूं तो हर जिले से छात्र शामिल होते हैं, लेकिन जब टॉपर्स की बात आती है तो कुछ चुनिंदा जिले ही लाइमलाइट में रहते हैं।
यह आंकड़े बताते हैं कि शहरी और उपनगर क्षेत्रों में पढ़ाई को लेकर प्रतिस्पर्धा कितनी बढ़ चुकी है। स्कूलों में हर बच्चा अव्वल आने की होड़ में जी-जान लगा रहा है। कहीं न कहीं डिजिटल एजुकेशन, गाइडेंस और पैरेंट्स की एक्सपेक्टेशन ने भी रिजल्ट की दिशा तय की है।
WBBSE की दसवीं बोर्ड की परीक्षा इस साल 10 से 22 फरवरी के बीच हुई थीं। संख्याओं पर गौर करें तो 9.84 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें 5.55 लाख लड़कियां भी शामिल थीं। इस बार संख्या में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन नतीजों में कॉम्पिटिशन दिखा।
रिजल्ट की घोषणा होते ही छात्र आधिकारिक वेबसाइट wbresults.nic.in, wbbse.wb.gov.in और Madhyamik Result मोबाइल ऐप के जरिए मार्कशीट डाउनलोड करने में जुट गए। पहले कई बार तकनीकी दिक्कतें आती थीं, लेकिन इस बार डिजिटल प्रोसेस बेहतर रही। नतीजों के साथ डिजिटल मार्कशीट भी उसी सुबह 9:45 बजे से मिलनी शुरू हो गई थी। इससे स्कूलों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं रही, और छात्रों को तुरंत अपना भविष्य प्लान करने का मौका मिला।
सबसे खास ये रहा कि टॉप 10 रैंक में भी पूर्वी मिदनापुर, कोलकाता और दक्षिण 24 परगना समेत उन जिलों के बच्चों ने जगह बनाई, जहां शैक्षिक माहौल और संसाधन अपेक्षाकृत बेहतर हैं। इन टॉपर्स के उदाहरण से बाकी छात्रों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और अगले सालों की तैयारी और मजबूत होती है।