स्टॉक पुनर्खरीद

जब बात स्टॉक पुनर्खरीद, कंपनी द्वारा अपने बिखरे हुए शेयरों को फिर से खरीदकर धारण करने की प्रक्रिया की होती है, तो कई सवाल मन में उभरते हैं। इसे अक्सर शेयर बायबैक भी कहा जाता है। इस कदम का मुख्य लक्ष्य कंपनी की नकदी को प्रभावी ढंग से उपयोग कर शेयरधारकों को रिटर्न देना और शेयर की आपूर्ति घटाकर मूल्य बढ़ाना है।

पहला संबंध शेयर कीमत, बाजार में किसी स्टॉक का वर्तमान मूल्य से बनता है – जब कंपनी बायबैक की घोषणा करती है, तो अक्सर शेयर कीमत में तेज़ी आती है। दूसरा संबंध बाजार संकेतक, जैसे Nifty, Sensex और MCX जैसे इंडेक्स जो समग्र बाजार के स्वास्थ्य को दिखाते हैं से जुड़ा है; बायबैक समाचार पर ये संकेतक सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं। तीसरा जुड़ाव कंपनी लाभांश, शेयरधारकों को कंपनी की कमाई का एक हिस्सा नकदी या अतिरिक्त शेयरों में दे देना से होता है, क्योंकि बायबैक अक्सर लाभांश नीति के साथ मिलकर शेयरधारकों को दोहरी रिटर्न देता है।

स्टॉक पुनर्खरीद के मुख्य पहलू

स्टॉक पुनर्खरीद स्टॉक पुनर्खरीद कई कारणों से की जाती है – यह EPS (प्रति शेयर आय) को बढ़ा देती है, क्योंकि कम शेयरों पर वही लाभांश बंटता है। साथ ही, बायबैक से कंपनी की नकदी संरचना मजबूत होती है, जिससे वित्तीय लिवरेज कम होता है। निवेशक अपनी निवेशक रणनीति में बायबैक को एक सकारात्मक संकेत मानते हैं, क्योंकि यह प्रबंधन की भविष्य में वृद्धि की भरोसा दर्शाता है। दूसरी ओर, अगर बायबैक नकदी के कमी के कारण किया जाए या अस्थायी रूप से शेयर कीमत बढ़ाने के लिए हो, तो इससे निवेशकों को धोखा महसूस हो सकता है।

वास्तविक मामलों में, जब Nifty और Sensex में गिरावट देखी गई, तो कई क्षेत्रों की कंपनियों ने बायबैक का रास्ता चुना, जिससे उनके शेयर कीमतों ने जल्दी ही सुधार किया। इस प्रक्रिया में बाजार संकेतक तेज़ी से प्रतिक्रिया देते हैं – ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है, और अस्थायी अपट्रेंड बनता है। यही कारण है कि बायबैक घोषणा के बाद अल्पकालिक ट्रेंड एनालिस्ट अक्सर इसे एक बुलिश संकेत मानते हैं। फिर भी, दीर्घकालिक निवेशकों को यह देखना चाहिए कि बायबैक के बाद कंपनी की आय वृद्धि, राजस्व और कैश फ्लो में लगातार सुधार हो रहा है या नहीं।

सारांश में, स्टॉक पुनर्खरीद एक वित्तीय उपकरण है जो शेयर कीमत, बाजार संकेतक और कंपनी लाभांश को आपस में जोड़ता है। यह निवेशक रणनीति को भी दिशा देता है, खासकर जब बाजार की अस्थिरता अधिक हो। अगले हिस्से में आप देखेंगे कि विभिन्न कंपनियों ने हालिया बायबैक के साथ कैसे अपने शेयर को मजबूती दी और क्या उभरते रुझान आपके पोर्टफोलियो के लिए उपयोगी हो सकते हैं।

9

नव॰

श्रीधर वेम्बु ने फ्रेशवर्क्स की छंटनी और स्टॉक पुनर्खरीद की नीति पर कसा तंज

जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने फ्रेशवर्क्स की ताज़ा छंटनी और स्टॉक पुनर्खरीद योजना की आलोचना की है, इसे 'नग्न लालच' करार दिया है। उनके अनुसार, एक कंपनी जो $1 बिलियन नकद रखती है और 20% की वृद्धि दर बनाए हुए है, अपने कर्मचारियों की छंटनी करके गलत संदेश देती है। उन्होंने फ्रेशवर्क्स नेतृत्व के दृष्टिकोण पर सवाल उठाते हुए कहा कि कंपनी को displaced employees के लिए नए व्यवसाय में निवेश करना चाहिए।

और देखें