प्रिस्बायोपिया: उम्र के साथ बदलती दृष्टि को समझें

जब हम प्रिस्बायोपिया, आँख की प्राकृतिक उम्र‑बढ़ती समस्या जिससे निकट की वस्तु देखना कठिन हो जाता है. इसे अक्सर बुजुर्गों की दृष्टि समस्या कहा जाता है। यह स्थिति लेंस की लचीलापन कम होने और आँख के फलिक्युलर मसल्स की शक्ति घटने से उत्पन्न होती है। यही कारण है कि पढ़ते‑लिखते या मोबाइल देखते समय आँखों में थकान महसूस होती है।

प्रिस्बायोपिया के प्रमुख कारण और समाधान

प्रिस्बायोपिया दृष्टिदोष, एक व्यापक शब्द है जिसमें निकट‑दृष्टि की कमी, आंखों की थकान और फोकस करने की कठिनाई शामिल हैं से जुड़ा है। इस समस्या को ठीक करने के लिए दो मुख्य उपाय मौजूद हैं: उचित लेंस, संयोजित कांच या प्लास्टिक के पतले टुकड़े जो आँख में डालकर फोकस को सुधारा जाता है और ऑप्टिकल उपचार, जैसे कि रिफ्रैक्टिव सर्जरी, मल्टी‑फोकल लेंस या कॉन्टैक्ट लेंस विकल्प। दोनों ही विकल्प प्रिस्बायोपिया को नियंत्रण में रखने के लिए अलग‑अलग स्तर की प्रभावशीलता देते हैं।

आँख की देखभाल आँख की देखभाल, दैनिक आदतें और पोषण जो आँख को स्वस्थ रखता है भी प्रिस्बायोपिया की प्रगति को धीमा कर सकती है। नियमित जांच, नीली रोशनी से बचाव, पर्याप्त प्रकाश और उचित अंतराल पर आँखों की आराम‑व्यायाम करने से फोकस की शक्ति बनी रहती है। उदाहरण के तौर पर 20‑20‑20 नियम अपनाएँ: हर 20 मिनट में 20 फ़ुट दूर की वस्तु को 20 सेकंड तक देखें। यह सरल कदम आपके लेंस की लचीलापन बनाए रखने में मदद करता है।

इन तीन मुख्य पहलुओं – कारण, लेंस‑आधारित समाधान और ऑप्टिकल उपचार, साथ ही रोज़मर्रा की आँख देखभाल – को समझना प्रिस्बायोपिया को सहजता से नियंत्रित करने की कुंजी है। जब आप इन बातों को अपने जीवन में लागू करेंगे तो निकट की वस्तु पढ़ने में मुश्किल नहीं होगी, और आंखों की थकान भी कम हो जाएगी। नीचे आप विभिन्न लेखों में इन विषयों की गहरी जानकारी पा सकते हैं, जिसमें बाजार में उपलब्ध प्रिस्बायोपिया लेंस, नई सर्जरी तकनीक और घर पर करने योग्य आँख की एक्सरसाइज शामिल हैं। अब चलिए देखते हैं कौन‑से टिप्स और अपडेट आपके लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी हो सकते हैं।

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सित॰

नई PresVu आई ड्रॉप्स स्वीकृत: प्रिस्बायोपिया के लिए चश्मों की जरूरत को समाप्त करने का वादा

भारत की ड्रग रेगुलेटरी एजेंसी ने प्रिस्बायोपिया के इलाज के लिए PresVu आई ड्रॉप्स को मंजूरी दी है। ये आई ड्रॉप्स, जिन्हें Entod Pharmaceuticals ने निर्मित किया है, अक्टूबर से फार्मेसी में 350 रुपये में उपलब्ध होगी और डॉक्टर की पर्ची के साथ बेची जाएगी। प्रिस्बायोपिया आमतौर पर 40 के बाद शुरू होता है और इन आई ड्रॉप्स का दावा है कि ये पढ़ने के चश्मे की जरूरत को कम कर देंगे।

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