नई PresVu आई ड्रॉप्स स्वीकृत: प्रिस्बायोपिया के लिए चश्मों की जरूरत को समाप्त करने का वादा

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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

नई PresVu आई ड्रॉप्स स्वीकृत: प्रिस्बायोपिया के लिए चश्मों की जरूरत को समाप्त करने का वादा

नई PresVu आई ड्रॉप्स: प्रिस्बायोपिया के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव

भारत की ड्रग रेगुलेटरी एजेंसी ने प्रिस्बायोपिया के इलाज के लिए PresVu आई ड्रॉप्स को मंजूरी दे दी है। यह नई उपचार विधि उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जिन्हें उम्र बढ़ने के साथ-साथ पढ़ने के लिए चश्मों की आवश्यकता होती है। प्रिस्बायोपिया एक सामान्य उम्र-संबंधित दृष्टि समस्या है, जो दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोगों को प्रभावित करती है। यह स्थिति भारत में भी व्यापक है, जहां इसके शिकार लोग आमतौर पर 40 साल के बाद चश्मों का सहारा लेते हैं।

प्रिस्बायोपिया क्या है?

प्रिस्बायोपिया एक नेत्र रोग है, जिसमें आंखों की लेंस की लचीलापन कम हो जाती है, जिससे निकट दृष्टि धुंधली हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या 40 या 50 साल की आयु के आसपास शुरू होती है और छोटे अक्षरों को पढ़ने में कठिनाई, किताबों को दूर रखकर पढ़ने की आवश्यकता, और निकट कार्यों के दौरान आंखों में तनाव जैसे लक्षण दिखते हैं। यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों के लिए परेशान करने वाली हो सकती है, जिन्हें अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए निकट दृष्टि की आवश्यकता होती है।

PresVu आई ड्रॉप्स का विकास

PresVu आई ड्रॉप्स का निर्माण मुंबई स्थित Entod Pharmaceuticals द्वारा किया गया है। प्राथमिक चरण के परीक्षणों और आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद, आखिरकार इसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अंतिम मंजूरी मिल गई है। इसके विकास में अगले स्तर की तकनीक का प्रयोग किया गया है। इन आई ड्रॉप्स में एडवांस्ड डायनामिक बफर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो आंसुओं के pH मूल्य के अनुसार अनुकूलित होती है, जिसके कारण इसकी प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

ड्रॉप्स की विशेषताएँ और लाभ

PresVu आई ड्रॉप्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आंखों के pH स्तर के आधार पर अपनी क्षमता को बनाए रखती है। आंसुओं का pH सामान्यतः 7.45 होता है, परंतु यह 7.14 से 7.82 तक भिन्न हो सकता है। यह ड्रॉप्स आँखों को संरेखित करने में मदद करती है और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि लेंस अपनी कार्यक्षमता को बनाए रखे। इसके अतिरिक्त, यह आई ड्रॉप्स आंखों को लुब्रिकेट भी करते हैं, जिससे मॉइस्चराइज़ेशन भी होता है। इसका एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह ड्रॉप्स भारत में चश्मों की आवश्यकता को कम करने का दावा कर रही हैं।

भारत में उपयोग और लागत

PresVu आई ड्रॉप्स को अक्टूबर महीने से फार्मेसी में 350 रुपये की कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह ड्रॉप्स डॉक्टर की पर्ची के साथ ही बेची जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका उपयोग सही दिशा-निर्देशों के अनुसार हो। इसके अनुरूप अमेरिका में भी Vuity नामक एक समान फॉर्मूलेशन को 2022 में FDA की मंजूरी मिली थी, जो प्रिस्बायोपिया के इलाज के लिए अनुमोदित एकमात्र आई ड्रॉप्स है।

भविष्य की दिशा

अब जब PresVu आई ड्रॉप्स को मंजूरी मिल गई है, तो यह देखने वाली बात होगी कि इसका प्रभाव लोगों पर कैसा होता है। जितनी अधिक जानकारी और प्रायोगिक डेटा उपलब्ध होंगे, उतना ही बेहतर तरीके से इसे समझा जा सकेगा। यह नई आई ड्रॉप्स न केवल प्रिस्बायोपिया से राहत देती हैं, बल्कि पढ़ने के चश्मों की आवश्यकता को भी कम करती हैं। आने वाले समय में, यह उपचार भारत में दृष्टि संबंधी समस्याओं के समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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