जब हम Nifty, भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स, जो NSE पर 50 प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है. इसे अक्सर Nifty 50 कहा जाता है, क्योंकि यह वही 50 बड़े‑समीक्षक स्टॉक को ट्रैक करता है और Bank Nifty, बैंकिंग सेक्टर के 12 प्रमुख शेयरों का इंडेक्स, जो वित्तीय बाजार की तीव्रता को मापता है से जुड़ा होता है। इन संकेतकों के साथ NSE, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, जहाँ Nifty के सभी लेन‑देन होते हैं का मंच भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, MCX, मैरीटाइम एक्सचेंज, जो सोना‑चांदी जैसी वस्तुओं की कीमतों को संग्रहीत करता है और अक्सर Nifty के मूवमेंट को प्रभावित करता है की खबरें निवेशकों को अतिरिक्त संकेत देती हैं।
Nifty को समझने के लिए पहले यह देखना ज़रूरी है कि यह कौन‑से घटकों से बना है। मान लीजिए, Nifty 50 में हर कंपनी का वज़न उनके बाजार पूँजीकरण पर निर्भर करता है; इस वजह से बड़ी कंपनियों के बदलाव इंडेक्स को तेज़ी से प्रभावित करते हैं। दूसरी ओर, Bank Nifty का वज़न केवल वित्तीय शेयरों पर होता है, इसलिए जब RBI नीतियों में बदलाव होता है तो Bank Nifty अक्सर पहले प्रतिक्रिया देता है। NSE का ट्रेडिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर इन दोनों इंडेक्स को रीयल‑टाइम डेटा में बदलने का हब है, और MCX जैसी वस्तु‑बाजार की अस्थिरता अक्सर Nifty को अप्रत्याशित दिशा में ले जा सकती है, जैसे सोने की कीमत में अचानक गिरावट ने पिछले हफ्ते Nifty को प्रभावित किया।
Nifty का एक प्रमुख तर्क है: Nifty समावेश करता है Nifty 50 को, जो स्वयं समावेश करता है प्रमुख भारतीय कंपनियों को। साथ ही, Nifty आवश्यक बनाता है NSE को, क्योंकि बिना NSE के कोई इंडेक्स नहीं चल सकता। MCX प्रभावित करता है Nifty को, विशेषकर जब धातुओं की कीमतें बाजार भावना को बदल देती हैं। अंत में, Bank Nifty प्रतिबिंबित करता है बैंकिंग सेक्टर की ताक़त, जो अक्सर कुल बाजार की दिशा तय करती है। इन संबंधों को समझकर आप किसी भी दिन के बाजार मूवमेंट को जल्दी पकड़ सकते हैं।
आज के प्रमुख रुझानों को देखते हुए, कई विश्लेषकों ने कहा है कि Nifty 25,400 की रेंज तोड़ सकता है, क्योंकि पिछले सप्ताह में बैंकिंग शेयरों ने 2% से अधिक की तत्काल बढ़ोतरी देखी। इसी तरह, MCX पर सोने की कीमत में गिरावट ने धातु‑आधारित स्टॉक्स को दबाव में रखा, जिससे Nifty में हल्की कमी आई। ऐसे मिश्रित संकेत दर्शाते हैं कि निवेशकों को दोनों पक्षों—इक्विटी और कमोडिटी—को साथ‑साथ देखना चाहिए। विभिन्न क्षेत्रों में रिफ़ॉर्म, जैसे RBI की ब्याज दर नीति या सरकार की वित्तीय पहल, सीधे Nifty और Bank Nifty दोनों को प्रभावित करती हैं।
आप इस पेज पर नीचे की लेख श्रृंखला में मिलेगी: Nifty के दैनिक स्तर, Bank Nifty की तकनीकी विश्लेषण, MCX के प्रमुख घटनाक्रम, और NSE में नए नियमों का असर। चाहे आप शुरुआती निवेशक हों या अनुभवी ट्रेडर, इन लेखों से आपको तेज़ निर्णय लेने में मदद मिलेगी। अब आप तैयार हैं, आगे की रिपोर्ट पढ़ें और बाजार की हर ख़बर से एक कदम आगे रहें।
के द्वारा प्रकाशित किया गया Amit Bhat Sarang साथ 0 टिप्पणियाँ)
23 सितंबर को भारतीय शेयर बाज़ार में Sensex 57 प्वाइंट गिरकर 82,102 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 25,169 पर अंत हुआ। बैंकिंग, ऑटो और धातु सेक्टरों में उत्सव मांग के कारण उछाल देखी गई, पर आईटी व FMCG में दबाव बना रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2,910 करोड़ रुपये बेचते हुए कुल माह में 6,816 करोड़ की शुद्ध निकासी जारी रखी।
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