बाजार का समग्र अवलोकन
बुधवार, 23 सितंबर 2025 को बड़ा ट्रेडिंग सत्र कुछ हद तक फिशी रहा। बेंगलुरु स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का Sensex 57.87 प्वाइंट यानी 0.07% गिरते हुए 82,102.10 पर समाप्त हुआ। इसी दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख इंडेक्स Nifty 32.85 प्वाइंट (0.13%) कम होते हुए 25,169.50 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों की शुरुआत लगभग समान स्तर पर हुई, पर पूरे सत्र में कीमतें सीमित रेंज में ही घूमा।
विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात यह थी कि Nifty ने साप्ताहिक एक्सपायरी के दिन हाई वेव कैंडलस्टिक पैटर्न बनाकर मार्जिनल कंसॉलिडेशन का इशारा दिया। इस संकेत के अनुसार ट्रेडरों के बीच दिशा का स्पष्ट भरोसा नहीं दिख रहा था। 25,000 के स्तर ने मनोवैज्ञानिक समर्थन बना रखा है, और विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर के ऊपर रहने पर 25,300‑25,400 के रेंज में पुनः टेस्ट करना संभव है।
सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹2,910 करोड़ के शेयर बेचकर निरंतर आउटफ़्लो दिखाया, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹2,583 करोड़ का समर्थन दिया। महीने भर में FIIs की कुल बिक्री ₹6,816 करोड़ तक पहुँच गई, जो दर्शाता है कि विदेशी पूँजी अभी भी सतर्क है। छोटी और मझोली कंपनियों के स्टॉक बेंचमार्क की तुलना में धीमी गति से चल रहे थे, जिससे बाजार की रेंज‑बाउंड ट्रेडिंग का असर स्पष्ट हुआ।

सेक्टर्स की विस्तृत गतिविज्ञान
बैंकिंग और ऑटो सेक्टरों ने असामान्य उत्साह दिखाया। उपभोक्ता उत्सव सीजन की आशा, और जीएसटी में कटौती के कारण इन सेक्टरों में मांग में तेज़ी का अनुमान लगा। प्रमुख बैंकों के शेयरों ने 1‑2% की वृद्धि दर्ज की, जबकि ऑटो OEMs ने बिक्री में संभावित उछाल को दर्शाते हुए 2‑3% ऊपर गए। इस बीच धातु स्टॉक्स ने भी वैश्विक माँग की कमजोरी के बीच 1‑1.5% की लाभप्रदता दर्ज की।
विपरीत रूप से, आईटी और FMCG सेक्टरों को दबाव का सामना करना पड़ा। यू.एस. सरकार द्वारा H‑1B वीज़ा शुल्क में अचानक वृद्धि की घोषणा ने भारतीय टेक कंपनियों के निर्यात‑उन्मुख राजस्व को लेकर अनिश्चितता पैदा की। कई बड़े IT स्टॉक्स ने 1‑2% की गिरावट दर्ज की। FMCG कंपनियों को भी मौसमी स्टॉक के दबाव और उपभोक्ता खर्च में संभावित मंदी के कारण डीलिंग में हल्की गिरावट झेलनी पड़ी।
कुल मिलाकर, बाजार की भावना अभी भी सावधान है। वैश्विक संकेतों की अनिश्चितता, यू.एस. रोजगार आंकड़ों में अस्थिरता, और विदेशी निवेश के निरंतर बहिर्गमन ने ट्रेडर्स को बड़े जोखिम लेने से बचाया। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ हफ्तों में बाजार की दिशा मुख्यतः 25,000 रेंज के ऊपर टिके रहने पर निर्भर करेगी—यदि समर्थन बना रहता है तो 25,300‑25,400 के लक्ष्य स्तर पर फिर से उछाल की संभावना है।