जब हम बात करते हैं क्रिप्टो मार्केट, डिजिटल मुद्राओं और टोकनों का वह प्लैटफॉर्म है जहाँ कीमतें रोज़ बदलती हैं और निवेशकों को अवसर मिलते हैं. इसे अक्सर डिजिटल एसेट मार्केट कहा जाता है, और यह पारंपरिक शेयर बाज़ार से अलग, 24/7 खुला रहता है.
Bitcoin, पहली और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, जो 2009 में सतोशी नाकामोटो द्वारा बनाई गई. इसके बाद Ethereum, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफ़ॉर्म, जो डैप्स और डीएफ़आई को चलाता है. दोनों ही ब्लॉकचेन, विकेंद्रीकृत लेज़र टेक्नोलॉजी, जो लेन‑देन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है की आधारशिला हैं. इन्हें खरीद‑बेच करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जहाँ उपयोगकर्ता वॉलेट, ट्रेड और स्टेकिंग कर सकते हैं का उपयोग किया जाता है.
क्रिप्टो मार्केट कई चीज़ों से जुड़ी है: वोलैटिलिटी जो अवसर प्रदान करती है, नियम‑कानून जो हर देश में अलग‑अलग होते हैं, और टेक्निकल विश्लेषण जो कीमत के पैटर्न को पढ़ता है. उदाहरण के तौर पर, Bitcoin की कीमत में वृद्धि अक्सर Ethereum के ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ा देती है – ये एक प्राकृतिक सम्बन्ध है जहाँ एक डिजिटल एसेट दूसरे को प्रभावित करता है. दूसरा उदाहरण, जब ब्लॉकचेन नेटवर्क पर ट्रैफ़िक बढ़ता है, तो एक्सचेंज पर गैस फीस भी बढ़ती है, जिससे ट्रेडिंग की लागत पर असर पड़ता है. इस तरह के संबंध (क्रिप्टो मार्केट ↔️ ब्लॉकचेन ↔️ एक्सचेंज) समझने से आप बेहतर रणनीति बना सकते हैं.
नीचे की सूची में आपको Bitcoin की कीमत की दैनिक विश्लेषण, Ethereum की नई अपडेट, ब्लॉकचेन की सुरक्षा बेस्ट प्रैक्टिस और प्रमुख एक्सचेंज की फीचर तुलना मिलेंगी. इन लेखों को पढ़कर आप तैयार हो सकेंगे कि कब खरीदें, कब बेचें और जोखिम को कैसे मैनेज करें. तो चलिए, इस डिजिटल लहर में सवारी करने के लिए तैयार हो जाइए!
के द्वारा प्रकाशित किया गया Amit Bhat Sarang साथ 0 टिप्पणियाँ)
सोमवार को बिटकॉइन में 16 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जबकि एथर ने 2021 के बाद से अपनी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचाव के तहत प्रमुख क्रिप्टोकरेंसीज़ को काफी नुकसान हुआ। आर्थिक अनिश्चितताओं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में भारी निवेश की चिंताओं ने भी इस गिरावट को प्रेरित किया।
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