करवा चौथ – संपूर्ण मार्गदर्शिका

जब करवा चौथ, एक पारिवारिक त्यौहार है जिसमें पति‑पत्नी के बीच विश्वास और प्रेम को खास जल्‍स दिया जाता है. इसे कुहानी चौथ भी कहा जाता है, और यह आमतौर पर शदा ऋषि संक्रांति के दिन मनाया जाता है. इस रिवाज में व्रती महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देती हैं और संध्या तक उपवास रखती हैं. यह परम्परा न केवल आध्यात्मिक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कई लाभ देती है.

व्रत का मुख्य उद्देश्य व्रत, एक अनुशासनात्मक अभ्यास है जिसमें भोजन‑पानी से दूर रहकर आत्म‑शुद्धि की जाती है है, और इसे पति की लंबी उम्र और सुख‑समृद्धि के लिए किया जाता है. इस व्रत के दौरान सूर्य को अर्घ्य देना एक महत्वपूर्ण संस्कार है क्योंकि सूर्य को शक्ति और जीवन का स्रोत माना जाता है. सूर्य, प्रकाश और ऊर्जा का मूल है, जो जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करता है को देखकर व्रती को शक्ति मिलती है और दिल‑ह्रदय की शांति का अनुभव होता है.

करवा चौथ की पूजा में गुड़, एक प्राकृतिक मिठास है जो शुद्धता और ऊर्जा का प्रतीक है का विशेष स्थान है. व्रती अपने हाथ में गुड़ ले कर अर्घ्य करती है, जिससे नया ऊर्जा प्रवाह शुरू होता है और पाचन तंत्र को हल्का किया जाता है. साथ ही, इस दिन के भोजन में हल्दी, चने, आलू, सरसों के साग, और बेसन के लड्डू जैसी पारम्परिक चीजें शामिल होती हैं जो पोषण मूल्य में समृद्ध होती हैं.

मुख्य रिवाज़ और तैयारी के चरण

करवा चौथ की तैयारी शाम से शुरू होती है. पहले, पति‑पत्नी मिलकर रात्रि भोजन तैयार करते हैं, जिसमें हरियाली से सजी थाली और सौगात में गुड़ दिया जाता है. फिर महिलाएं अपनी कलाई पर कँटू (किंवा कागज़ का कँटा) बांधती हैं, जो व्रत के अंत को चिन्हित करता है. सूर्यास्त के समय, सभी महिलाएं सावधानियों के साथ पानी नहीं पियें और केवल कँटू पर ही लिपटके रहना होता है. जब सूर्य के अल्पविराम से उगने के बाद अर्घ्य समाप्त होता है, तो वे चंदन, फूल और मोती से सजी रथ पर उठते हुए अपने पति को अर्घ्य देती हैं.

व्रत के दौरान ध्यान, प्रार्थना और सकारात्मक सोच अत्यंत आवश्यक हैं. कई परिवारों में विशिष्ट मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे "ॐ जय शंकराय़ नमः" जो ऊर्जा को बढ़ाता है. इस दिन महिलाएं अक्सर आपस में अपने अनुभव साझा करती हैं, जिससे एक सामुदायिक भावना का निर्माण होता है. व्यायाम या हल्की स्ट्रेचिंग व्रत के दौरान भी की जा सकती है, जिससे शरीर में रक्त संचरण बेहतर रहता है.

यदि आप पहली बार करवा चौथ मनाते हैं, तो कुछ व्यावहारिक टिप्स याद रखें: 1) सुबह जल्दी पानी पी लें और हाइड्रेटेड रहें, 2) हल्का नाश्ता जैसे फल और नट्स रखें, 3) अपनी कलाई पर कँटू ठीक से बाँधें ताकि रात्रि भर घटिया न हो, 4) सूर्योदय से पहले सूर्य पूजा की तैयारी में ठीक से कपड़े और अर्पण सामग्री रखें, 5) व्रत तोड़ने पर हल्का सूप या दही के साथ शुरू करें, जिससे पाचन आसान हो। ये छोटी‑छोटी बातें आपके व्रत को सरल और सुखद बनाती हैं.

अब आप करवा चौथ के महत्व, व्रत की प्रक्रिया, सूर्य पूजा और पारम्परिक खाद्य पदार्थों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर चुके हैं. नीचे आप इस त्यौहार से जुड़े ताज़ा ख़बरें, रिवाज़, स्वस्थ्य सुझाव और विशेष कहानियों की सूची पाएँगे, जो आपके उत्सव को और भी यादगार बनाएँगी.

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के द्वारा प्रकाशित किया गया Amit Bhat Sarang साथ 1 टिप्पणियाँ)

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