ईशा फाउंडेशन – क्या है, कैसे काम करती है?

जब बात ईशा फाउंडेशन, एक गैर‑सरकारी संगठन है जो सामाजिक upliftment पर केंद्रित है. इसे अक्सर ईशा फाउंडेशन कहा जाता है, और यह सामुदायिक विकास, स्थानीय लोगों की जीवन स्थितियों में सुधार के लिये लागू योजनाओं का समूह के साथ-साथ शिक्षा पहल, बच्चों और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण सीखने के अवसर प्रदान करने की कार्रवाई में भी सक्रिय है.

ईशा फाउंडेशन का मुख्य मिशन सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना है। इसका मतलब है कि गरीबी, लिंग या भौगोलिक बाधाओं के बावजूद हर व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएँ मिलें। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए फाउंडेशन स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाता है, स्थानीय क्लीनिक खोलता है और मोबाइल हेल्थ यूनिट्स चलाता है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण को भी अपना अहम कार्य माना गया है; फाउंडेशन के पर्यावरण संरक्षण, हरित पहलें जैसे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और सतत कृषि कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों में गति पकड़ रहे हैं।

ईशा फाउंडेशन के प्रमुख कार्यक्षेत्र

पहला कार्यक्षेत्र सामुदायिक विकास है। यहाँ स्थानीय स्वयंसेवकों की भागीदारी अनिवार्य है; फाउंडेशन के प्रोजेक्ट्स में पंचायतों और महिला समूहों को निर्णय लेने में शामिल किया जाता है। दूसरा कार्यक्षेत्र शिक्षा पहल है। यह स्कूलों के बुनियादी ढांचे को सुधारता है, डिजिटल कक्षाएँ स्थापित करता है और ट्यूशन स्कीम चलाकर विद्यार्थियों के प्रदर्शन को उठाता है। तीसरा पहल स्वास्थ्य है; नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण drives और पोषक आहार कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की जीवन expectancy बढ़ाने पर काम किया जाता है। अंत में, पर्यावरण संरक्षण के तहत फाउंडेशन जल स्रोतों की सफाई, सौर ऊर्जा के प्रयोग और जैविक खेती को प्रोत्साहित करता है।

इन चार क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ संबंध है। उदाहरण के लिये, जब शिक्षा स्तर बढ़ता है तो लोग स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी ले पाते हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशीलता बढ़ती है। इसी तरह, पर्यावरणीय जागरूकता से जल संरक्षण के प्रयास मजबूत होते हैं, जो सीधे सामुदायिक विकास को सुदृढ़ बनाते हैं। इस तरह ईशा फाउंडेशन एक एकीकृत मॉडल पेश करता है जहाँ हर पहल एक दूसरे को सुदृढ़ करती है।

अब आप नीचे के लेखों में देखेंगे कि कैसे ये पहलें अलग‑अलग क्षेत्रों में लागू हुई हैं, कौन‑से नए प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं और किस तरह आप खुद भी इन बदलावों का हिस्सा बन सकते हैं। तैयार हो जाइए, क्योंकि अगले सेक्शन में हम आपको ठोस केस स्टडी, सफलता की कहानियां और actionable टिप्स पेश करेंगे, जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं.

1

जून

सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन पर गैरकानूनी हिरासत के आरोपों की जांच पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत देते हुए मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें संस्था पर दो महिलाओं की कथित गैरकानूनी हिरासत की जांच का निर्देश दिया गया था। मामले की सुनवाई में पता चला कि दोनों महिलाएं अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही थीं।

और देखें