भारतीय संसद – ताज़ा खबरें, विश्लेषण और अपडेट

जब बात भारतीय संसद, भारत का प्रमुख विधायी निकाय जहाँ कानून बनते हैं और सरकार को जवाबदेह रखा जाता है. इसे अक्सर संसद कहा जाता है, तो समझिए यह देश की लोकतांत्रिक धड़कन है। लोक सभा, निचला सदन जहाँ सीधे जनता द्वारा चुने गये सदस्य बैठते हैं और राज्य सभा, ऊपरी सदन जहाँ राज्यों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ होते हैं इन दो भागों को सम्मिलित करती है। भारतीय संसद के निर्णय रोज़‑मर्रा की चीज़ों को बदलते हैं – सोने‑चांदी की कीमत, खेल‑परिचालन, पर्यावरण नीति या बजट‑व्यय।

संविधान ने संसद को विधायी शक्ति दी है और दो सदनों के बीच समन्वय प्रक्रिया स्थापित की है। संविधान के अध्याय 7 में बताया गया है कि लोक सभा के पास वित्तीय बिलों पर प्राथमिक अधिकार है, जबकि राज्य सभा संशोधन कर सकती है लेकिन वह वापस ले सकती है। यह संरचना सुनिश्चित करती है कि सांसद, निर्वाचित प्रतिनिधि जो विधायन, निगरानी और सार्वजनिक रुचियों को संभालते हैं किस तरह से सरकार के प्रस्तावों को आकार देते हैं। संसद की बजट चर्चा में वित्त मंत्री के बयान अक्सर बाजार में हलचल पैदा करते हैं – जैसे 13 अक्टूबर को Nifty 50 में गिरावट और Bank Nifty का 56,500 पास कर जाना, जो हमारे पोस्ट में भी दिखाया गया है। इसी तरह, खेल मंत्रालय की ओर से मसले उठते हैं जब क्रिकेट में नई ढांचा या अंतरराष्ट्रीय टूर की मंजूरी की बात आती है, यही कारण है कि आप देखेंगे कि "भारत‑वेस्टइंडीज़ पहला टेस्ट" जैसी ख़बरें संसद के वित्तीय या बौद्धिक समर्थन से जुड़ी होती हैं।

जब संसद में कोई नया अधिनियम पारित होता है, उसके असर को समझना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ स्पष्ट पैटर्न हैं। आर्थिक नीति पर संसद का प्रभाव सीधे तेल‑कीमत, सोने‑भुगतान या आयकर स्लैब में प्रतिबिंबित होता है। उदाहरण के तौर पर, MCX सोने‑कीमत में गिरावट या चांदी‑उभार का संबंध अक्सर मौद्रिक नीति पर बहस से जुड़ा होता है, जो सांसदों के प्रश्न सत्रों में उजागर होता है। इसी तरह, पर्यावरण‑संरक्षण अधिनियमों पर बहस होते ही कई राज्य में भारी बारिश या बाढ़ की चेतावनी आती है – IMD की चेतावनी और संसद के जल‑प्रबंधन बिल के बीच यह कनेक्शन स्पष्ट है। खेल‑विकास कार्यक्रमों में सुधार भी संसद के संसद‑समितियों की प्रोफाइलिंग से प्रभावित होता है, जिससे भारत‑वेस्टइंडीज़ टेस्ट लाइव स्ट्रीमिंग या एतीस्लेट कप जैसे बड़े इवेंट की फंडिंग तय होती है।

इन सभी कनेक्शन को समझने के बाद आप देखेंगे कि हमारी साइट पर मौजूद लेखों में क्या‑क्या कवर किया गया है। यहाँ आपको सोने‑कीमत की गिरावट, Nifty‑Bank Nifty की चाल, क्रिकेट‑टेस्ट और T20‑मैच की लाइव जानकारी, मौसम‑चेतावनी, और राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक कैलेंडर तक सब कुछ मिलेगा। प्रत्येक पोस्ट एक छोटी‑सी कहानी बताता है कि संसद की चर्चा कैसे बड़े‑बड़े निर्णयों को दिशा देती है, चाहे वह आर्थिक, खेल‑संबंधी या सामाजिक हो। अगले सेक्शन में आप इन ख़बरों को पढ़ते‑हुए देखेंगे कि कैसे संसद‑निर्माण का असर हमारे दैनिक जीवन में पड़ता है, और कौन‑से पहलू अभी भी चर्चा में हैं।

27

जून

भारतीय सांसद द्वारा शपथ ग्रहण के दौरान 'जय पलेस्तीन' का नारा लगाने पर विवाद

भारतीय संसद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान 'जय पलेस्तीन' का नारा लगाकर विवाद खड़ा कर दिया। यह घटना 18वीं लोकसभा के दौरान हुई और सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इसके लिए माफी की मांग की। ओवैसी ने कहा कि उन्हें संविधान की जानकारी है और उन्हें धमकियों से डर नहीं लगता।

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