अभिषेक बैनर्जी के लेखों का सारांश

जब बात अभिषेक बैनर्जी, एक प्रमुख वित्तीय पत्रकार और खेल रिपोर्टर. अक्सर उन्हें अ. बैनर्जी कहा जाता है, वह भारतीय शेयर बाजार, धातु दरें और क्रिकेट मैचों को सरल भाषा में पेश करते हैं। इस परिचय में हम समझेंगे कि उनका काम किन‑किन क्षेत्रों को छूता है और क्यों पढ़ना आपके लिए फायदेमंद है।

उनकी सबसे पहचानने योग्य कवरेज MCX, मलक़ा कॉमोडिटी एक्सचेंज की धातु कीमतों पर रहती है। सोना‑चांदी के उतार‑चढ़ाव, करवा चौथ जैसे त्योहारी अवसरों पर बाजार की झलक, और विशेषज्ञों की राय यहाँ रोज़ अपडेट होती है। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर 2025 को सोने की कीमत $4,000/औंस को पार करना कैसे निवेशकों की रणनीति बदलता है। इससे पाठकों को वास्तविक‑समय में ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद मिलती है।

एक और प्रमुख एंटिटी Nifty 50, भारत का प्रमुख शेयर‑सूचकांक है। अभिषेक बैनर्जी दैनिक बाजार रुझान, बैंक निफ्टी के ब्रेकथ्रू और निफ्टी‑50 की संभावित रेंजों की रिपोर्ट देते हैं। उनका विश्लेषण अक्सर बताता है कि किसे खरीदना चाहिए, कब सीजनल वोलैटिलिटी आती है, और कौन‑से सेक्टर आगे बढ़ेंगे। इससे निवेशकों को बेहतर पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन में मदद मिलती है।

स्पोर्ट्स कवरेज: क्रिकेट से जुड़ी खबरें

वित्तीय रिपोर्टों के अलावा, बैनर्जी का खेल सेक्शन भी काफी लोकप्रिय है। उन्होंने भारत‑वेस्टइंडीज़ टेस्ट, इंग्लैंड‑वि‑इंडिया T20, और एतीस्लेट कप जैसे बड़े मैचों पर त्वरित अपडेट और खिलाड़ियों की प्रोफ़ाइल लिखी है। क्रिकेट के अलावा, उन्होंने टोक्यो में निकेई 225, शिल्प बाजार और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन की भी जानकारी दी है, जिससे पाठक खेल और वित्त दोनों के बीच आपसी प्रभाव को समझ सकें।

संक्षेप में, अभिषेक बैनर्जी के लेख वित्तीय निर्णय, धातु बाजार और क्रिकेट‑जैसे मनोरंजन की दुनिया को जोड़ते हैं। नीचे आप उनके द्वारा लिखी गई ताज़ा खबरों की सूची पाएँगे – चाहे वह सोने की कीमत में गिरावट हो, Nifty‑50 की नई थ्रेशोल्ड हो, या भारत की टेस्ट जीत। पढ़ते रहें और अपने निवेश या खेल ज्ञान को अपडेट रखें।

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जुल॰

अभिषेक बैनर्जी ने लोक सभा में केंद्रीय बजट को बताया 'जनविरोधी', किया तीखा हमला

टीएमसी नेता अभिषेक बैनर्जी ने लोकसभा में केंद्रीय बजट की निंदा की और इसे 'जनविरोधी' बताया। उन्होंने बजट को एनडीए सहयोगियों को खुश करने के लिए बनाया गया बताया और भाजपा सरकार पर 'धोखा,' 'बेरोजगारी,' और 'त्रासदी' का आरोप लगाया। बैनर्जी ने यह भी कहा कि बजट का कोई दृष्टिकोण नहीं है और यह आम जनता के हितों की अनदेखी करता है।

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