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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)
भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि संजू सैमसन ने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में लगातार शतक बनाकर एक नया इतिहास रच दिया है। 8 नवंबर, 2024 को किंग्समीड स्टेडियम, डरबन में, संजू ने अपने क्रिकेट करियर का दूसरा टी20 शतक लगाया। उनकी यह उपलब्धि उन्हें टी20 क्रिकेट के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल करती है। सैमसन ने अपने दूसरे शतक को महज 47 गेंदों में पूरा किया, जिसमें 7 चौके और 9 शानदार छक्के शामिल थे।
संजू का यह धमाकेदार प्रदर्शन केवल 20 गेंदों के भीतर 50 से 100 रन तक पहुंचाने के लिए जाना जाएगा। इस अद्वितीय बल्लेबाजी से उन्होंने सूर्यकुमार यादव के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया, जो अब तक भारत के लिए सबसे तेज शतक का कीर्तिमान था। सैमसन की यह पारियों ने भारतीय बल्लेबाजी को एक नया आयाम दिया है। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया है।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने से पहले संजू ने बंगलादेश के खिलाफ हैदराबाद में अपने क्रिकेट कौशल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने मात्र 47 गेंदों पर 111 रन बनाकर भारतीय टीम को 297 रन बनाने में अहम योगदान दिया। यह प्रदर्शन न केवल उनके करियर की ऊचाईयों को दर्शाता है बल्कि यह भारत के बल्लेबाजी क्रम की गहराई को भी दर्शाता है। संजू इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के साथ कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने लगातार दो टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाये हैं। इस सूची में इंग्लैण्ड के फिल साल्ट, दक्षिण अफ्रीका के रिली रोसो और फ्रांस के गुस्ताव मैकीन भी शामिल हैं।
संजू सैमसन के ये दो शतक केवल उनके व्यक्तिगत कौशल को ही नहीं बल्कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम को भी मजबूती प्रदान करते हैं। भारतीय टीम के लिए यह आवश्यक है कि उनके पास मध्यक्रम में संजू जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हों। उनका खेल न केवल टीम को मजबूती देता है बल्कि दर्शकों के लिए लैमपत्रक और रोमांचक भी बनता है। संजू की बल्लेबाजी शैली युवाओं को प्रेरित करती है और उनके फैन बेस को और भी मजबूत करती है।
जैसे-जैसे क्रिकेट का माहौल विकसित हो रहा है, भारतीय क्रिकेट में संजू सैमसन जैसी क्षमतावान खिलाड़ियों का निवासी होना बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। अब यह देखने योग्य होगा कि भारतीय टीम किस प्रकार से इन उभरते हुए युवा खिलाड़ियों का सर्वोत्तम उपयोग करती है। संजू के इस ऐतिहासिक पराक्रम ने ना केवल क्रिकेट जगत में बल्कि पूरे भारत में जयकारे गूंजा दिए हैं। क्रिकेट के इस नए नायक के पक्ष में प्रोत्साहन जारी रहना चाहिए, साथ ही हमें यह याद रखना चाहिए कि इतिहास भले ही एक व्यक्तिगत सफलता के रूप में दिखता है, लेकिन इसकी जड़ें टीम की एकता में होती हैं।
संजू की महत्वपूर्ण पारियां यह दर्शाती हैं कि भारतीय क्रिकेट के पास अब बेहतरीन विकल्प हैं। भविष्य में उनकी इस क्षमता और कौशल का भारतीय क्रिकेट टीम लाभ उठा सकती है। भविष्य में होने वाले बड़े टूर्नामेंटों में उनकी भूमिका और प्रमुख हो सकती है। उनकी प्रतिभा ऐसे समय में सामने आ रही है जब भारतीय टीम विश्व कप जैसे बड़े आयोजनों की तैयारी कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि संजू आने वाले समय में अपनी इस उपलब्धि को किस स्तर तक ले जाते हैं।