निकिता पोर्वाल बनीं फेमिना मिस इंडिया 2024: उनके संघर्ष और प्रतिभा की कहानी

18

अक्तू॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

निकिता पोर्वाल बनीं फेमिना मिस इंडिया 2024: उनके संघर्ष और प्रतिभा की कहानी

एक नयी शुरुआत: निकिता पोर्वाल की मिस इंडिया यात्रा

ब्राइट लाइट्स, चमकता फर्श और दुनिया के सबसे खूबसूरत ताज को जीतने की खुशी। यह दिन निकिता पोर्वाल के लिए सफलता की पराकाष्ठा वाला दिन था जब उन्हें फेमिना मिस इंडिया 2024 का ताज मुंबई के फेमस स्टूडियो में हुई प्रतियोगिता में पहनाया गया। यह अवसर सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बना जो कठिन परिश्रम और लगन से अपने सपने को साकार करना चाहते हैं।

युवावस्था से कला तक: निकिता की अनूठी कहानी

निकिता पोर्वाल का जन्म और पालन-पोषण उज्जैन में हुआ। एक साधारण परिवार में पली-बढ़ी निकिता ने कभी नहीं सोचा था कि उनके जीवन की कहानी इस तरह पूरे देश के सामने गूंजेगी। उनकी शिक्षा का प्रारंभिक दौर कार्मेल कॉन्वेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल में संपन्न हुआ। शिक्षा को लेकर उनकी गंभीरता और जीवन में कुछ गुणवत्ता करने का जज्बा उन्हें महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा तक ले गया। वहीं से उनकी आर्ट और थिएटर की शिक्षा की शुरुआत हुई।

एक टीवी एंकर से एक बहुमुखी कलाकार तक

18 साल की निकिता पोर्वाल ने अपने करियर की शुरुआत टीवी एंकर के रूप में की थी। एक एंकर के रूप में उन्होंने कैमरे के सामने पहली बार अपने कदम जमाए और वहीं से उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा। अभिनय में दिलचस्पी और अपनी कला के प्रति समर्पण ने उन्हें 60 से अधिक नाटकों में काम करने का मौक़ा दिया। 'कृष्ण लीला' नामक 250 पेज का स्वयं लिखित नाटक उनकी रचनात्मकता की मिसाल है। यह उनकी लगन और प्रतिभा का परिचायक है।

फिल्मी दुनिया में कदम: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

फिल्मी दुनिया में कदम: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

निकिता की कहानी केवल भारतीय मंचों तक ही सीमित नहीं रही। उन्होंने एक फीचर फिल्म में काम किया, जो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में प्रदर्शित की जा चुकी है। यह फिल्म जल्द ही भारत में भी रिलीज हो सकती है। उनकी इस दिशा में की गई मेहनत ने उन्हें नई पहचान दिलाई।

आध्यात्मिकता और कहानी कहने की कला

निकिता का जीवन हमेशा से ही आध्यात्मिकता की ओर झुका रहा है। एक शांत और सुंदर शहर उज्जैन में रहकर उनकी भारतीय विरासत और संस्कृति के प्रति समझ और गहरी हुई। कहानी कहने की इस कला को उन्होंने अपनी जीवंत कहानी के जरिये और मजबूत किया।

सामाजिक मुद्दों पर योगदान: पशु कल्याण के प्रति जागरूकता

विजय के साथ निकिता ने अपने एजेंडे में पशु कल्याण को शामिल किया है। वे चाहती हैं कि उनकी लोकप्रियता और प्रसिद्धि को इस दिशा में एक सकारात्मक बदलाव के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाए। 'जीवन जो महत्व रखता है, वही यथार्थता है' उनका जीवन मंत्र है।

आने वाला समय: मिस वर्ल्ड में भारत का प्रतिनिधित्व

आने वाला समय: मिस वर्ल्ड में भारत का प्रतिनिधित्व

यह जीत निकिता के लिए एक नए रास्ते का द्वार खोलती है, जहाँ वे मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे भारतीय संस्कृति के साथ आधुनिकता को संतुलित कर इस दुनिया को समझने और अपना स्थान बनाने की दिशा में प्रयत्नशील रहेंगी।

एक अंतिम संदेश

निकिता ने एक सवाल-जवाब सेशन में अपने आत्मबल और दृष्टिकोण से दर्शकों को प्रभावित किया, जहाँ उन्होंने अपनी प्रेरणा के स्रोत के बारे में बात की। 'अपने प्रभाव को पहचानना और उसका उपयोग करना ही मुझे उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करता है,' उनका यही कहना था। यह संदेश उनके पीछे आने वाले अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा देने वाला है। उन्हें उम्मीद है कि वे अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाएंगी।

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