इटावा में बारिश और ओलावृष्टि से तबाही: फसलें बर्बाद, मार्च में अनोखा मौसम

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अप्रैल

के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

इटावा में बारिश और ओलावृष्टि से तबाही: फसलें बर्बाद, मार्च में अनोखा मौसम

इटावा में ओलावृष्टि का कहर

मार्च महीना, जब आमतौर पर लोग गर्मी की शुरुआत करने वाले मौसम से निपटने की तैयारी करते हैं, इस बार इटावा में बिलकुल उलट हालात दिखा। यहाँ अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि ने पूरे इलाके के वातावरण को पलट कर रख दिया। किसानों के लिए तो यह जैसे वज्रपात के समान था।

ओलावृष्टि और बारिश के इस अनोखे मेल ने इटावा समेत उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया है। खासतौर पर गेहूं की रिपिंग में कमी देखने को मिल रही है। किसानों के पास से आती खबरों के मुताबिक, फसल पर ओलों की मार ने पैदावार के सपने को काफी हद तक चूर-चूर किया। इस स्थिति ने किसानों के बीच गहराते आर्थिक संकट की संभावनाएं भी बढ़ा दी हैं।

मौसम के अप्रत्याशित बदलाव

भारतीय मौसम विभाग ने ऐसे मौसम परिवर्तन की चेतावनी पहले से जारी की थी। उत्तर प्रदेश, दिल्ली NCR और उत्तराखंड में अचानक से तापमान में गिरावट ने जैसे ठंड का दूसरा दौर ला दिया हो। हांलाकि, इटावा में इस अचानक बदले मौसम का ऐसा असर होगा, इसकी उम्मीद कम ही लोगों को थी।

इटावा के अलावा चीज़ों को अगर व्यापक नजरिए से देखें तो झांसी, महोबा और कानपुर जैसे जिलों में भारी बारिश हुई, वहीं हरदोई और गौतम बुद्ध नगर में बिजली की गरज के साथ आंधी तूफान का सामना करना पड़ा।

लोगों का कहना है कि मार्च के महीने में ऐसा मौसम पहले कभी नहीं देखा गया। किसानों के लिहाज से तो यह जिस खेत और खलिहान पर निर्भर हैं, उसके लिए तो जैसे जीवन-मृत्यु का प्रश्न बन गया है। राज्य के अन्य हिस्सों, जैसे राजस्थान में भी ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद होने की खबरें आम हो चुकी हैं।

आने वाले समय में इस मौसम का कृषि पर क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा, ये देखना बाकी है, लेकिन इस आपदा ने यह तो साफ कर दिया है कि किसान अब किसी नई चुनौती के लिए तैयार रहें।

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