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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)
31 जुलाई, 2024 की सुबह दिल्ली में भारी बारिश से तबाही छा गई। दिली के सब्जी मंडी इलाके में एक पुराना मकान बारिश के कारण धराशायी हो गया। घटनास्थल पर पहुंचे दिल्ली फायर सर्विस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। इस हादसे में दो लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। मकान की हालत पहले से ही जर्जर थी और भारी बारिश के दबाव को नहीं सह सका।
घटना वाली रात, दिल्ली में भारी बारिश ने समस्या खड़ी कर दी थी। दिल्लीवासी बारिश से राहत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन इसका नतीजा विकट साबित हुआ। विभिन्न क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति बढ़ने लगी और यातायात भी बाधित हुआ। दिल्ली प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई।
जब सब्जी मंडी इलाके में बचाव कार्य चल रहा था, उसी समय दरियागंज में एक और घटना सामने आई। भारी बारिश के कारण एक स्कूल की दीवार गिर गई। हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। बारिश के कारण दीवार की नींव कमजोर हो गई थी, और अंततः दीवार ढह गई।
ये घटनाएं एक बार फिर दिल्ली में बेहतर बुनियादी ढांचे और सुरक्षा उपायों की जरूरत को उजागर करती हैं। बारिश के मौसम में मकान और इमारतों की नियमित जांच और मरम्मत होना अनिवार्य है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुराने और जर्जर मकान सही समय पर मरम्मत किए जाएं।
इन कदमों से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
इन घटनाओं ने समाज की जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया है। हमें अपने आस-पास की इमारतों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी जोखिम की स्थिति में प्रशासन को सूचित करना चाहिए। सामाजिक जागरूकता और सहयोग से हम इन आपदाओं का मुकाबला कर सकते हैं।
दिल्ली में 31 जुलाई को हुई घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाएं कब और कैसे आ सकती हैं यह किसी को भी पता नहीं होता। लेकिन अगर हम सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और प्रशासन के साथ सहयोग करें तो बड़ी से बड़ी आपदा का सामना कर सकते हैं।