भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद: एक सिख अलगाववादी की हत्या पर आरोप

15

अक्तू॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद: एक सिख अलगाववादी की हत्या पर आरोप

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव: सिख नेता की हत्या का मामला

भारत और कनाडा के बीच वर्तमान में उत्पन्न हुई राजनयिक तनाव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। इस तनाव का मुख्य कारण कनाडा में हुए एक सिख अलगाववादी, हरदीप सिंह निज्जर, की हत्या का होना है। यह मामला एक अप्रत्याशित मोड़ पर आ गया है, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

एक विवादित हत्या

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सुरे में स्थित एक सिख मंदिर के बाहर की गई थी। उसे दो नकाबपोश हमलावरों ने गोली मार दी। निज्जर एक प्रमुख सिख अलगाववादी रहे हैं, जिन्होंने विशेष रूप से खालिस्तान आंदोलन का समर्थन किया। भारत ने उन्हें एक आतंकवादी घोषित किया था, जो कि उनकी समर्थकों द्वारा खारिज कर दिया गया।

यह मामला उस समय और जटिल हो गया जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि भारतीय सरकार के एजेंट इस हत्या में शामिल हो सकते हैं। ट्रूडो ने कहा कि यह दावा कनाडाई गुप्तचर जानकारी पर आधारित है और इसे देश की प्रभुसत्ता के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने ट्रूडो के दावों को "राजनीतिक उद्देश्यों" से प्रेरित बताया और कहा कि कनाडा इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं दे सका है। इसके जवाब में, भारत ने कनाडा को राजनयिक स्टाफ में कटौती करने और वीज़ा सेवाएं स्थगित करने के निर्देश दिए हैं।

कूटनीतिक निष्कासन और उसके प्रभाव

दोनों देशों ने अपने-अपने प्रमुख राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है, जिससे उनके बीच के संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा के प्रभावशाली 36 वर्षों के कैरियर का हवाला देते हुए, भारतीय मंत्रालय ने कनाडाई दावों को 'अवास्तव' और 'उपेक्षित' कह कर नकारा है।

भविष्य की संभावनाएं

जहाँ एक ओर अक्टूबर 2023 में भारत ने वीज़ा प्रोसेसिंग को पुन: शुरू कर दिया था, वहीं दूसरी ओर कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने इसे अभी भी 'तनावपूर्ण' और 'कठिन' बताया है। उन्होंने इस संभावना की भी चेतावनी दी है कि निज्जर जैसी घटनाएँ भविष्य में भी कनाडा की सरजमीं पर हो सकती हैं।

इन घटनाओं ने दोनों देशों के बीच एक जटिल कूटनीतिक मुद्दे को जन्म दिया है, जिसे सुलझाना समय की मांग है। राजनयिक संबंधों को पुनः स्थिर करने के लिए दोनों पक्षों को संतुलित और पारदर्शी बातचीत करने की आवश्यकता है। जहाँ भारत और कनाडा जैसे लोकतंत्रों के बीच मजबूत संबंध जरूरी हैं, वहीं इस तरह के विवाद उनके बीच विश्वास को हिला सकते हैं।

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