बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजित अग्रकार ने २५ सितंबर को दिल्ली के बॉलिंग सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के वेस्ट इंडीज़ टेस्ट दौरे के लिए २‑मैच सीरीज का पूरा स्क्वॉड घोषित किया। इस सभा में कई अहम निर्णयों की व्याख्या की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय टीम किस दिशा में आगे बढ़ने की सोच रही है।
जडेजा की उप‑कप्तान पदस्थापना
सबसे पहले, अजित अग्रकार ने रवींद्र जडेजा को इस सीरीज़ में रवींद्र जडेजा उप कप्तान के रूप में नामित किया। यह कदम सात‑सप्ताह से अधिक समय से एकीकृत नहीं हो रहे मानक विकेट‑कीपर बिंदु, रिश्भ पैंट की अनुपस्थिति को कवर करने के लिए उठाया गया। जडेजा ने पिछले कुछ वर्षों में कई अवसरों पर टीम को स्थिरता दी है, चाहे वह मध्यम गति की गेंदबाज़ी हो या मध्य‑क्रम की भरोसेमंद पारी। अब उन्हें कप्तान के सहयोगी के रूप में जिम्मेदारी मिली है, जो फील्ड सेट‑अप, बैटिंग क्रम और टीम की रणनीति में सीधे योगदान देगा।

स्क्वॉड में प्रमुख बदलाव और कारण
जडेजा की नियुक्ति के अलावा कई महत्वपूर्ण बदलाव भी सामने आए। इन्हें दो भागों में बाँटा गया: फिटनेस‑संबंधी अपडेट और प्रदर्शन‑आधारित चयन।
- जसप्रीत बुमराह फिट: बुमराह की पूर्ण फिटनेस की पुष्टि की गई, जिससे भारतीय पेसिंग अटैक को तीव्रता मिलती है। उन्होंने पिछले घरेलू सीजन में तेज़ गति और कंट्रोल दिखाया था, जिससे उनके बिना टीम का संतुलन बिगड़ता दिख रहा था।
- करन नायर बाहर: इंग्लैंड दौरे में ४ टेस्टों में केवल २०५ रन (औसत २५.६२) और एक ही पाँचवीं कक्षा की पारी बनाने के बाद चयन समिति ने उनके प्रदर्शन को काफी कमतर बताया। लगातार उच्च स्तर की पारी न दिखा पाने के कारण उन्हें २५ वर्षीय देबदत्त पादिक्कल से बदला गया।
- सर्फराज खान चोट के कारण अनुपलब्ध: युवा मिडल‑ऑर्डर बॅटरन को फिटनेस इश्यू के कारण स्क्वॉड से बाहर कर दिया गया। उनका स्थान अभी भी खुला है, जिससे फॉर्म या फिटनेस पर पुनर्विचार संभव है।
- अभिमन्यु ईसवार को नहीं चुना: घर की पिचों पर तेज़ ओपनरिंग पेयर के लिए तीसरे ओपनर का आवश्यकता नहीं देखी गई, इस कारण इज़रान की जगह मौजूदा ओपनर को ही भरोसा किया गया।
- श्रेयर आयर का कैप्टनशिप क्लियरिफिकेशन: A‑टिम में शौर्य दिखाने वाले श्रेयस आयर को यह स्पष्ट किया गया कि उनका A‑टिम कप्तान होना सीनियर टीम में तत्काल नेतृत्व का संकेत नहीं है।
- मो. शमी का लम्बा गायब रहना: चयनकर्ता ने शमी की चोट पर विस्तृत विवरण नहीं दिया, परंतु उनका वापसी स्वभाव अभी भी अनिश्चित है।
- ओडीआई पर कोई चर्चा नहीं: अभी तक ओडीआई फ़ॉर्मेट की तैयारी पर कोई बात नहीं हुई, ध्यान पूरी तरह टेस्ट पर ही है।
- खिलाड़ियों को मौके देना: अग्रकार ने कहा, "हम हर खिलाड़ी को १५‑२० मौके देना चाहते हैं, पर प्रदर्शन के साथ संतुलन बनाना ज़रूरी है।"
इन बिंदुओं में स्पष्ट है कि चयन समिति ने युवा ऊर्जा को प्राथमिकता दी है, जबकि अनुभवी खिलाड़ियों की अनुपस्थिति को भी समझा है। विराट कोहली, रोहित शर्मा और रहिचंद्रन आश्विन जैसी बड़ी हस्तियां इस सीरीज़ में नहीं हैं; इसके बजाय मिश्रा, पादिक्कल और क़दरी जैसे उभरते नाम टीम को नई दिशा दे रहे हैं।
आगे बढ़ते हुए, भारत को वेस्ट इंडीज़ के रूढ़िवादी पिचों पर काम करना पड़ेगा जहाँ स्पिनर की जरूरत बढ़ती है। जडेजा की उप‑कप्तान भूमिका, बुमराह की तेज़ गति और नए बैट्समैन की लचीलापन इस चुनौती को सफल बनाने की कुंजी है। चयनकर्ताओं ने बताया कि टीम की बैटिंग लाइन‑अप में लचीलापन होना चाहिए, ताकि पिच के अनुसार ओपनर, मिडल‑ऑर्डर और निचले क्रम में सही बैट्समैन को जगह मिल सके।
संक्षेप में, अजित अग्रकार के इस घोषणा ने भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य की दिशा को स्पष्ट किया है: युवा प्रतिभा को सशक्त बनाना, मौजूदा सितारों के अनुभव को संचित करना और प्रदर्शन‑आधारित चयन को प्राथमिकता देना। वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ़ अक्टूबर में होने वाली दो‑मैच सीरीज़ इस नई रणनीति की पहली कसौटी होगी।