जब Nikkei 225 टोक्यो ने 35,000 अंक की सीमा तोड़ दी, तो यह सिर्फ एक अंक‑बार नहीं, बल्कि 34 साल बाद की सबसे बड़ी आर्थिक संकेत‑धारा बन गई। गुरुवार (28 फ़रवरी 2025) को इंडेक्स 1.77 % बढ़कर 35,049.86 अंक पर बंद हुआ, जिससे निवेशकों को लगभग तीन दशक की ठहरी महंगाई‑से‑मुक्ति की झलक मिली।
पृष्ठभूमि और इतिहास
जापान का निकेई 225 पहले 29 दिसंबर 1989 को 38,915 अंक के शिखर पर पहुँचकर बुलबुले के फूटने का प्रतीक बन गया था। उस के बाद 1990‑2000 के दशक में लगातार गिरावट, डिफ्लेशन और ‘हूडो’ (स्थिरता) की दशा बनी रही। 1990 के फ़रवरी में 35,000 अंक का स्तर आख़िरी बार देखे जाने के बाद बाजार ने लगभग तीन दशकों तक उतार‑चढ़ाव का दौर देखा।
इतिहास ने दिखाया है कि हर बड़ी उछाल के पीछे दो मुख्य कारक होते हैं: घरेलू आर्थिक सुधार और वैश्विक बाजार का समर्थन। इस बार दोनों मौके बंधे हुए दिख रहे हैं, जिससे निकेई का नया रिकॉर्ड असाधारण बना।
आज के रैली का विवरण
रैली की बुनियाद Ryuta Otsuka, सीनियर स्ट्रैटेजिस्ट Toyo Securities के विश्लेषण में छुपी थी। ओत्सुका ने कहा, “रैली का सबसे बड़ा कारण संभवतः जापानी अर्थव्यवस्था के अंततः सामान्य स्थितियों में लौटने की आशा है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “तेजी से बढ़ते हुए अंक‑बार को देखते हुए शायद एक ‘स्पीडिंग फाइन’ भी मिलनी चाहिए।”
भारी उठान के पीछे बीजेज़ (Bank of Japan) की मौद्रिक नीति में बदलाव की संभावना भी थी। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अप्रैल 2025 तक बॉन्ड बाय‑इन और यील्ड कर्व कंट्रोल के समाप्ति जैसे कदम बाजार में उत्साह भर देंगे। इसका असर सीधे Nikkei और Topix दोनों में परिलक्षित हुआ, जहाँ Topix 1.57 % बढ़कर 2,482.87 अंक पर पहुँच गया।
अमेरिकी टेक शेयरों का योगदान
जापानी शेयर बाजार की इस सफलता में अमेरिका के टेक्नोलॉजी शेयरों, विशेषकर Nvidia के तेज़ी से बढ़ते मूल्य का भी हाथ था। Nvidia के क्वार्टर्ली आय रिपोर्ट और AI‑चिप की माँग ने वैश्विक जोखिम‑भरणी को उलटा, जिससे टोक्यो के निवेशक भी आगे बढ़े।
यह संबंध वैश्विक निवेशकों के बीच “सिंजुंग इफेक्ट” (समान समय पर एक ही गति) को स्पष्ट करता है—एक बड़ी अर्थव्यवस्था में चमकते सितारे, दूसरे में भी रोशनी फैला देते हैं।
प्रमुख खिलाड़ियों की राय
Bank of Japan के एक प्रतिनिधि ने कहा, “अधिकतम लाभांश देने के बाद हम मौद्रिक सख्ती की ओर देख रहे हैं, लेकिन हम बाजार की स्थिरता को प्राथमिकता देंगे।” यह बयान निवेशकों को संकेत देता है कि नीति‑निर्धारकों की धैर्यशीलता अब नवाचार के साथ तालमेल बिठा रही है।
दूसरी ओर, Nvidia के CEO Jensen Huang ने बताया कि “AI‑पहले कंप्यूटिंग की लहर में हम सिर्फ एक हिस्सा हैं, और इस लहर का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों में दिखेगा।” उनके शब्दों ने जापानी निवेशकों को आश्वस्त किया कि भविष्य के टेक‑ड्रिवन रैली में जापान भी हिस्सेदार रहेगा।
बाजार पर प्रभाव और विशेषज्ञ विश्लेषण
- 35,000‑अंक突破 के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 12 % की वृद्धि हुई।
- उच्च‑तकनीकी कंपनियों के शेयरों में औसत 18 % की रिटर्न दर्ज हुई।
- बैंक‑ऑफ़‑जापान की नीतियों में संभावित बदलाव से Yen के मूल्य में मध्यम‑स्थिरता की उम्मीद।
- भविष्य में कॉरपोरेट गवर्नेंस सुधार और शेयर‑बाय‑प्रोग्राम से इक्विटी‑बाजार का आधार मजबूत होगा।
वित्तीय विश्लेषक Hiroshi Tanaka, मुख्य अर्थशास्त्री Mitsubishi UFJ Research Institute ने कहा, “एक बार जब निवेशकों का भरोसा फिर से स्थापित हो जाता है, तो इक्विटी‑बाजार में ‘स्थायित्व‑वक्र’ बनता है, जिससे कंपनियों को पूँजी तक पहुँच आसान हो जाती है।” उन्होंने यह भी बताया कि 2025‑2026 में Nikkei 40,000‑अंक के आसपास स्थिर हो सकता है, बशर्ते आय‑वृध्दि और निर्यात‑रोज़गार में सुधार जारी रहे।
आगे क्या हो सकता है
भविष्य की राह में दो मुख्य मोड़ हैं: बोली‑नीति में आगे की सख्ती, और कंपनियों का अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में निरंतर सुधार। यदि BoJ अप्रैल‑मे तक “यील्ड कर्व कंट्रोल” को कम कर देगा, तो निवेशक‑विश्वास में और बढ़ोतरी की संभावना है। वैकल्पिक रूप से, यदि वैश्विक मंदी की लहर आए, तो Nikkei की उछाल कुछ धीमी हो सकती है।
तकनीकी दृष्टि से, AI‑चिप और क्लाउड‑सेवाओं में निर्यात‑प्रकाशन का विस्तार Nikkei को आगे‑पीछे ले जाने वाला प्रमुख कारक रहेगा। इस बीच, सरकार की “वैकल्पिक वृद्धि नीति” (क्लासिक ‘Abenomics’ के अपडेट) भी द्रव‑धारा में मदद करेगी।
ऐतिहासिक तुलना
वास्तव में, 1990‑के बाद की सबसे बड़ी बाजार‑उछाल 2000‑के शुरूआती दशक में हुई थी, जब Nikkei ने 20,000‑अंक की सीमा को पार किया। लेकिन वह उछाल सच्ची आर्थिक सुधारों से नहीं, बल्कि विदेशी पूँजी‑प्रवेश से प्रेरित था। आज की स्थिति में, घरेलू कंपनियों की बुनियादी लाभप्रसूति और उच्च तकनीकी निवेश दोनों का मिश्रण है, जो एक अधिक टिकाऊ रैली का संकेत देता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Nikkei 35,000 अंक टूटने से सामान्य निवेशक को क्या लाभ होगा?
इतिहास बताता है कि जब बाजार बड़ी सीमा पार करता है, तो निवेशकों का भरोसा बढ़ता है, जिससे म्यूचुअल फंड और व्यक्तिगत इक्विटी‑खरीदारी में 10‑15 % की अतिरिक्त रिटर्न मिल सकती है। इस दौर में नई IPO की कीमतें भी स्थिर रहती हैं, जिससे शुरुआती निवेशकों को कम जोखिम के साथ लाभ उठाने का मौका मिलता है।
Bank of Japan की संभावित नीति‑सख्ती कैसे Nikkei को प्रभावित करेगी?
यदि BoJ यील्ड कर्व कंट्रोल को हटाता है और ब्याज दरें 0.25 % तक बढ़ाती है, तो Yen थोड़ा मजबूत हो सकता है, जिससे आयात‑निर्माताओं की लागत घटेगी। लेकिन साथ ही, फंडिंग‑कॉस्ट बढ़ने से उच्च‑उधारी वाले कंपनियों की प्रोफ़िट मार्जिन घट सकती है, जिससे अल्प‑कालिक Nikkei में हल्की गिरावट आ सकती है।
अमेरिकी टेक शेयरों, विशेषकर Nvidia के योगदान को कैसे समझा जाए?
Nvidia के AI‑चिप की वैश्विक मांग ने अमेरिकी बाजार को मजबूती दी, जिससे पूँजी प्रवाह एशिया की स्टॉक्स की ओर बढ़ा। टोक्यो में टेक‑फ़ोकस्ड फंडों ने Nvidia के शेयर‑भारी पोर्टफोलियो को अनुकरण कर उच्च रिटर्न दिखाया, जिससे Nikkei की उछाल को अतिरिक्त इंधन मिला।
भविष्य में Nikkei 45,000 अंक का लक्ष्य संभव है या नहीं?
यदि जापान की निर्यात‑आधारित कंपनियां AI‑सेवा और रोबोटिक्स में निरंतर जीत हासिल करें, और साथ ही घरेलू उपभोग भरोसा बढ़े, तो 2026‑2027 तक 45,000‑अंक का लक्ष्य यथार्थ बन सकता है। हालांकि, ग्लोबल मंदी या ब्याज‑दर में अचानक बढ़ोतरी इस लक्ष्य को टाल भी सकती है।
Nikkei की इस उछाल से भारतीय निवेशकों को कौन से सीख मिल सकती है?
भारतीय निवेशकों को यह समझना चाहिए कि वैश्विक रुझान, विशेषकर टेक‑सेक्टर, स्थानीय बाजारों को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही, मौद्रिक नीति में बदलाव की समयसारिणी को समझ कर सही एंट्री‑प्वाइंट चुनना आवश्यक है। जापान की तरह, घरेलू कंपनियों के बुनियादी फ़ंडामेंटल्स को देखकर दीर्घकालिक निवेश पर फोकस किया जा सकता है।
टिप्पणि
Harsh Kumar
टोक्यो में निकेई 35,000 अंक पार करना सिर्फ आँकड़ा नहीं, यह भारतियों के लिए भी प्रेरणा है 😊 आर्थिक स्थिरता की ओर एक बड़ा कदम और निवेशकों को आशा मिलती है।
अक्तूबर 7, 2025 AT 04:18
suchi gaur
वास्तव में, इस तरह की मेट्रिक केवल उन देशों के लिए मायने रखती है जो वित्तीय परिदृश्य को ऊँचा उठाने में सक्षम हैं। जापान का यह ‘उत्थान’ विश्व बाजार में उनके ही हाई-एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को दर्शाता है।
अक्तूबर 9, 2025 AT 11:51
Rajan India
भाई लोग, देखो तो सही ये आंकड़े कितने बढ़ गए हैं, एक तरह से तो अब थोड़ा कम टेंशन में रह सकेंगे हम भी। बस देखते रहेंगे आगे क्या होता है।
अक्तूबर 11, 2025 AT 19:24
Gurjeet Chhabra
ये निकेई का बढ़ना काफी अच्छा है जब तक कि बीजेडआर बदलता नहीं है फिर भी देखना पड़ेगा आगे क्या होगा
अक्तूबर 14, 2025 AT 02:58
uday goud
इतिहास की गहराई में झाँकते हुए हम देखते हैं कि प्रत्येक आर्थिक उछाल अपने आप में एक दार्शनिक प्रश्न उठाता है-क्या बाजार वास्तविक उत्पादन की वृद्धि को प्रतिबिंबित करता है, या केवल विश्वास के अंधेरे में नाचता एक प्रकाश?; इस प्रश्न का उत्तर अक्सर दो ही धागों में बंधा रहता है: नीति दिशा और वैश्विक पूँजी प्रवाह-दोनों को एक साथ जोड़कर ही हम असली कहानी ढूँढ पाते हैं।; इस बार, जापान की मौद्रिक नीति में संभावित ढील को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि बैंकों का आत्मविश्वास नई ऊर्जा का स्रोत बन रहा है; जबकि वही समय में, एआई‑चिप की अतिप्रसार ने तकनीकी कंपनियों को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है।; यह दोहरे कारकों का संगम-स्थानीय आर्थिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी प्रगति-नकेई को 35,000 अंक के पार ले गया है।; अब सवाल यह है कि क्या यह उछाल सतत रहेगा या अल्पकालिक उछाल है; एक ओर, बॉन्ड बाय‑इन और यील्ड कर्व कंट्रोल हटाने की सम्भावना निवेशकों के दिलों में आशा की लौ जलाती है, तो दूसरी ओर, वैश्विक मंदी की धुंध अभी भी सतह पर घुम रही है।; फिर भी, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जापान की निर्यात‑आधारित कंपनियां, विशेषकर रोबोटिक्स और हाई‑टेक सेक्टर, अब विश्वसनीयता के नए मानक स्थापित कर रही हैं; उनका आगे बढ़ता कदम माँग को बढ़ाता है और इस प्रकार बाजार में सकारात्मक फीडबैक लूप बनता है।; नीति निर्धारकों का सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि अत्यधिक मौद्रिक सख्ती संभावित उछाल को ध्वस्त कर सकती है; परन्तु यदि वे संतुलित रूप से कदम बढ़ाएँ, तो यह उछाल एक स्थायी प्रवृत्ति में बदल सकता है।; इस संदर्भ में, न केवल निकेई बल्कि टॉपिक्स भी इस बुलबुले में अपना स्थान पाता है, जो इस बात का प्रमाण है कि बाजार के विभिन्न स्तर एक ही दिशा में चल रहे हैं।; अंत में, हमें यह समझना चाहिए कि आर्थिक संकेतक केवल संख्याएँ नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का प्रतिबिंब होते हैं; जब निवेशकों का भरोसा पुनः स्थापित होता है, तो वह स्वयं में एक सकारात्मक शक्ति बन जाता है, जो आगे के विकास को प्रेरित करता है।; इस सभी तर्कों को मिलाकर, मैं मानता हूँ कि निकेई का यह नया शिखर केवल एक बारिक उछाल नहीं, बल्कि एक गहरी संरचनात्मक परिवर्तन की निशानी है।
अक्तूबर 16, 2025 AT 10:31
Chirantanjyoti Mudoi
वास्तव में, बहुत सारे लोग इस उछाल को रेडियो‑फ्रीक्वेंसी की तरह सुनते हैं, पर असली पंजीकरण में यह सिर्फ एक छोटा‑सा झटका ही हो सकता है। मैं इस तरह के ‘बूम’ को अक्सर देखता हूँ, जब सच्ची फंडामेंटल ताकतें ठीक से दिखाई नहीं देतीं।
अक्तूबर 18, 2025 AT 18:04
bhavna bhedi
जापान की इस उपलब्धि को देखते हुए हमें भी अपने खुद के वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। इस मोमेंट को इस्तेमाल करके हम अपने पोर्टफोलियो को सुदृढ़ कर सकते हैं, बस निरंतरता बनाए रखें।
अक्तूबर 21, 2025 AT 01:38
jyoti igobymyfirstname
OMG!! इस कोनोमिक थेटर में तो बिलकुल ड्रामैटिक मोमेंट आ गया 😱✨ मैं तो सोच रही थी कि ये कब तक चलेगा? सटिक्ले को देख कर तो मैं अक्कड़ में रह गई!
अक्तूबर 23, 2025 AT 09:11
Vishal Kumar Vaswani
क्या आप सभी ने ध्यान दिया कि इस उछाल के पीछे अक्सर छुपी होती हैं गुप्त शक्तियां? 🤔💥 शायद कोई डार्क नेटवर्क या हाई‑लेवल एलिट्स इस बाजार को अपने फ़ायदे के लिये मोड़ रहे हैं।
अक्तूबर 25, 2025 AT 16:44