जब हम श्री हरि कृष्ण स्पंज आयरन, एक ऐसी कंपनी है जो भारत में स्पंज आयरन का उत्पादन करती है. श्री हरि कृष्ण स्पंज आयरन लिमिटेड के बारे में बात करते हैं, तो पहले यह स्पष्ट हो जाता है कि यह कंपनी भारतीय स्टील सप्लाई चेन में किस तरह का पुल बनाती है। स्पंज आयरन, लोहे का एक रूप है जिसे सीधे अर्बुदित आयरन (DRI) भी कहा जाता है के रूप में जाना जाता है और यह स्टील बनाने की प्रक्रिया में बेस मटेरियल के रूप में बहुत महत्त्व रखता है।
स्पंज आयरन का उत्पादन दो मुख्य चरणों में बाँटा जाता है: प्रथम चरण में बंधक (कोक) और लोहे की पत्ती (इरे) को हाई‑रोसिंग रिफाइन्ड (HRR) डिवाइस में गर्म किया जाता है, जहाँ रासायनिक प्रतिक्रिया से डाइरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन बनता है। डाइरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन (DRI), परम्परागत उच्च‑उत्पादन ब्लास्ट फर्नेस से अलग, एक स्वच्छ, ऊर्जा‑कुशल तरीका है। दूसरा चरण में इस DRI को ठंडा करके, काट‑छांट कर, ग्राहक की विशिष्टताओं के अनुसार आकार दिया जाता है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा की बचत और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन घटाने के लिए पुनः‑स्मेल्टिंग या गैस‑बेस्ड हाइड्रोजन रिडक्शन भी अपनाई जा रही है। इस वजह से आज का स्पंज आयरन बाजार पर्यावरण‑अनुकूलता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
अब सवाल ये उठता है कि श्री हरि कृष्ण स्पंज आयरन का बाजार में क्या रोल है? कंपनी मुख्यतः भारतीय स्टील निर्माताओं, बुल वैल्डर्स और ऑटो पार्ट्स फाइबर्स को सप्लाई करती है। इसके ग्राहक आधार में बड़े नाम जैसे पतंजलि स्टील, JSW और स्क्लेरो शामिल हैं। कंपनी की बिक्री‑अनुसंधान रिपोर्ट बताती है कि 2024‑2025 में स्पंज आयरन की कीमतें राष्ट्रीय औसत से 3‑4% ऊपर रही, क्योंकि आयरन ऑरस की उपलब्धता में कमी और ऊर्जा लागत में वृद्धि ने प्रभाव डाला। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने उत्पादन यूनिट को अपग्रेड करके हाइड्रोजन‑आधारित रेडक्शन तकनीक को अपनाया है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट घटा और इकाई लागत 5% तक कम हुई।
स्पंज आयरन को समझने में स्टील उद्योग, एक विशाल, बहु‑स्तरीय औद्योगिक क्षेत्र है जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल, निर्माण आदि में प्रमुख भूमिका निभाता है के साथ जोड़ना जरूरी है। इस उद्योग में स्पंज आयरन का उपयोग अक्सर इलेक्ट्रिक-आर्क फर्नेस (EAF) में होता है, जहाँ इसे तेज़ी से पिघला कर लोहे की बुनियादी स्लैब या रोल्स बनती हैं। इस कनेक्शन को देखते हुए, किसी भी नई तकनीक या मूल्य परिवर्तन का असर सीधे स्टील की लागत और अंततः उपभोक्ता कीमतों पर पड़ता है। इसलिए, श्री हरि कृष्ण स्पंज आयरन जैसी कंपनियों की रणनीति को समझना निवेशकों और ट्रेडर्स दोनों के लिए उपयोगी है।
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के द्वारा प्रकाशित किया गया Amit Bhat Sarang साथ 0 टिप्पणियाँ)
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