जब हम काम का तनाव, नौकरी की माँगों और व्यक्तिगत जीवन के टकराव से उत्पन्न मानसिक एवं शारीरिक दबाव. इसे कार्य‑स्थल तनाव भी कहते हैं, तो यह हमारे स्वास्थ्य, उत्पादनशीलता और संबंधों को प्रभावित कर सकता है. यह तनाव अक्सर तब बढ़ जाता है जब डेडलाइन लगातार आती रहती हैं या जब काम की जिम्मेदारियों का भार व्यक्तिगत सीमाओं से अधिक हो जाता है।
एक प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत मनोदशा, ध्यान और भावनात्मक स्थिरता सीधे काम का तनाव से जुड़ी होती है। जब काम का तनाव लगातार बना रहता है, तो यह बर्नआउट, थकान, निराशा और कार्य में रुचि की कमी को तेज़ कर देता है—इसीलिए अक्सर कहा जाता है "काम का तनाव बर्नआउट को बढ़ावा देता है"। इसी तरह, कार्य‑जीवन संतुलन, काम और निजी जीवन के बीच स्वस्थ सीमाएँ बनाकर आप तनाव के प्रभाव को कम कर सकते हैं; इसलिए "कार्य‑जीवन संतुलन काम का तनाव को रोकने की कुंजी है"।
तनाव को नियंत्रित करने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीक, श्वास अभ्यास, माइंडफुलनेस, समय प्रबंधन उपयोगी सिद्ध होती हैं। जब आप नियमित रूप से माइंडफुलनेस या गहरी श्वास के अभ्यास करते हैं, तो "तनाव प्रबंधन तकनीक काम का तनाव को कम करती है"—यह विज्ञान द्वारा सिद्ध हुआ है। इन तरीकों को अपनाने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि कार्य में फोकस और रचनात्मकता भी बढ़ती है।
नीचे दी गई सूची में आप पाएंगे कि हमारे पोर्टल पर कौन‑कौन से लेख और अपडेट इस विषय को कवर करते हैं। चाहे आप अभी तनाव से जूझ रहे हों या भविष्य में इसे रोकने की तैयारी करना चाहते हों, यहाँ की जानकारी आपके लिए व्यावहारिक समाधान लेकर आएगी। चलिए, आगे बढ़ते हुए उन लेखों को देखते हैं जो काम के तनाव के विभिन्न पहलुओं—कारण, लक्षण, प्रबंधन और पुनर्प्राप्ति—पर गहरी नज़र डालते हैं।
के द्वारा प्रकाशित किया गया Amit Bhat Sarang साथ 0 टिप्पणियाँ)
केरल की 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबस्टियन पेराईल की पुणे में EY में नौकरी करने के चार महीने बाद मृत्यु हो गई। उनकी माँ, अनीता ऑगस्टिन ने कंपनी के चेयरमैन राजीव मेमानी को पत्र लिखकर काम के अत्यधिक तनाव और वर्कलोड को मौत का कारण बताया है। अन्ना ने नवंबर 2023 में CA परीक्षा पास की थी और मार्च 2024 में EY में कार्यभार संभाला था।
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