आर्थिक सर्वेक्षण 2024 – भारत की आर्थिक दिशा की पूरी झलक

जब बात आर्थिक सर्वेक्षण 2024, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की दिशा, वृद्धि और नीति‑निर्देशों को प्रस्तुत करती है. इसे अक्सर आर्थिक सर्वेक्षण कहा जाता है, तो यह भारत की आर्थिक स्वास्थ्य की एक व्यापक तस्वीर देता है। उदाहरण के तौर पर जीडीपी, कुल घरेलू उत्पादन का माप है इस रिपोर्ट में प्रमुख संकेतक है, जबकि महंगाई, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के माध्यम से मापी जाती है जीवनयापन की लागत को सीधे प्रभावित करती है। दूसरा महत्वपूर्ण घटक राजस्व घाटा, सरकार की आय‑व्यय तालिका में खर्च का अधिक होना है, जो वित्तीय नीति व ऋण प्रबंधन पर असर डालता है। अंत में बेरोजगारी, काम की तलाश में रहने वाले लोग लेकिन नौकरी न मिलने की स्थिति श्रम बाजार की झलक देती है। इन सभी संकेतकों को मिलाकर आर्थिक सर्वेक्षण एक समग्र परिप्रेक्ष्य बनाता है, जिससे नीति‑निर्माता, निवेशक और आम नागरिक भविष्य की योजना बना सकते हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के डेटा से जुड़े हुए कई विषय इस टैग में सामने आए हैं। सोने‑चांदी की कीमतों में उतार‑चढ़ाव, जैसे करवा चौथ पर सोने की गिरावट, सीधै महंगाई के प्रभाव को दर्शाता है। राष्ट्रीय शेयर‑बाज़ार के संकेतक—Nifty, Bank Nifty, Sensex—आर्थिक नीति व विदेशी पूँजी प्रवाह की स्थिति को प्रतिबिंबित करते हैं, जो रिपोर्ट में उल्लिखित राजस्व घाटा और पूँजी प्रवाह से जुड़े हैं। साथ ही, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग, सेवा‑सेक्टर्स की ग्रोथ दरें, तथा जलवायु‑संबंधी जोखिम (जैसे IMD की बारिश चेतावनी) भी आर्थिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इस विविधता से स्पष्ट होता है कि आर्थिक सर्वेक्षण केवल आँकड़े नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के जीवन, निवेश निर्णय और सरकारी योजना से जुड़ी एक जीवंत कथा है।

इस टैग में आपको क्या मिलेगा?

नीचे आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न लेख और विश्लेषण आर्थिक सर्वेक्षण के मुख्य बिंदुओं—जीडीपी रेट, महंगाई प्रवृत्ति, राजस्व घाटा, बेरोजगारी दर—से जोड़ते हैं। चाहे आप सोने‑चांदी की कीमतों के बदलाव को समझना चाहते हों, शेयर‑मार्केट की चालों पर नज़र रखना चाहते हों, या नीति‑परिवर्तन की संभावनाओं का आकलन करना चाहते हों, इस संग्रह में आपके लिए उपयुक्त जानकारी मौजूद है। अब आगे बढ़ते हुए इन लेखों को पढ़िए और आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के साथ अपनी समझ को गहरा कीजिए।

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आर्थिक सर्वेक्षण 2024 की मुख्य बातें: 'मजबूत पिच पर अर्थव्यवस्था'; निर्मला सीतारमण ने संसद में दस्तावेज़ पेश किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई 2024 को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024 पेश किया। यह दस्तावेज़ अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक की भारत की आर्थिक स्थिति का अवलोकन प्रस्तुत करता है और आगामी वर्ष के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इसमें भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है और इसे $7 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य दिया गया है।

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