When working with अर्थशास्त्र, वित्तीय प्रणाली, बाजार, और नीति‑निर्णय के बीच के संबंधों का विज्ञान है. Also known as इकोनोमिक्स, it helps समझना कि पैसा, उत्पादन, और रोजगार कैसे आपस में जुड़ते हैं. यही मूलभूत समझ आपको नीचे दिए गए लेख‑संकलन में दिखे भिन्न‑भिन्न डेटा‑पॉइंट्स को जोड़ने में मदद करेगी।
अर्थशास्त्र आर्थिक संकेतक को पढ़कर बाजार की दिशा का अनुमान लगाता है। आर्थिक संकेतक, जैसे कि जीडीपी, CPI, और बेरोजगारी दर, जो आर्थिक स्वास्थ्य को परिभाषित करते हैं सीधे स्टॉक और कमोडिटी कीमतों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के तौर पर, हमारे पास स्टॉक बाजार, NSE और BSE के शेयर‑ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म, जहाँ Nifty और Bank Nifty प्रमुख सूचकांक हैं का उल्लेख है, जहाँ Nifty 25,227 पर गिरावट या Bank Nifty का 56,500 पार करना आर्थिक मनोबल को प्रतिबिंबित करता है। इसी तरह, कमोडिटी बाजार, सोना, चांदी, और तेल जैसी वस्तुओं की ट्रेडिंग, जो वैश्विक मांग‑सप्लाई से चलती है में MCX पर सोने की कीमतें $4,000/औंस पार करना या करवा चौथ पर सोने‑चांदी की कीमत में उतार‑चढ़ाव सीधे निवेशकों की रूचि को दर्शाते हैं।
इन सभी तत्वों की आपसी कनेक्शन को समझना आसान नहीं है, लेकिन हमारे संग्रह में आप देखेंगे कि कैसे एक समाचार — जैसे कि “NSE Nifty 50 गिरा 25,227 पर” — बाजार भावना और आर्थिक डेटा दोनों को प्रतिबिंबित करता है। इसी तरह, “सोना $4,000/औंस पहली बार पार” उस समय के वैश्विक पूंजी प्रवाह और मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को उजागर करता है। नीचे आप इकोनोमिक्स की विभिन्न शाखाओं, जैसे कि शेयर‑बाजार रुझान, कमोडिटी की कीमतें, और प्रमुख आर्थिक संकेतकों की गहरी विश्लेषण वाली ख़बरें पाएँगे, जो आपके निवेश या शोध की राह को स्पष्ट करेंगे।
के द्वारा प्रकाशित किया गया Amit Bhat Sarang साथ 0 टिप्पणियाँ)
प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। देबरॉय ने भारतीय अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ कई प्रमुख पदों पर काम किया था। उनका जीवन और योगदान भारतीय अर्थनीति के क्षेत्र में अप्रतिम रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'विशाल विद्वान' के रूप में श्रद्धांजलि दी।
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