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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)
नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET-UG) में अनियमितताओं की जांच अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के हाथों में है। इस कदम का उद्देश्य परीक्षा में पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं की गहन जांच करना है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने छह और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिससे कुल संख्या 19 हो गई है। इन गिरफ्तारियों में चार परीक्षार्थी और नालंदा के निवासी संजीव मुखिया भी शामिल हैं, जो इस लीक रैकेट के मुख्य संदिग्ध माने जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक, संजीव मुखिया और अन्य आरोपियों ने NEET-UG परीक्षा में सिस्टम में घुसपैठ कर पेपर लीक करने का प्रयास किया था। उनके खिलाफ अबतक मिली जानकारी बहुत ही चौंकाने वाली है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई द्वारा किए गए इस मामले में गिरफ्तारियों ने और भी बड़े रैकेट का खुलासा किया है।
इसके अलावा, गुजरात पुलिस भी गोधरा के एक परीक्षा केंद्र में हुई धोखाधड़ी की जांच कर रही है। यह मामला भी अब सीबीआई को सौंपा जा सकता है। इस वर्ष हुए NEET-UG परीक्षा, जो 5 मई को हुई थी, इसमें शामिल 23 लाख से अधिक छात्रों में से 1500 से अधिक छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेस मार्क्स देने का आदेश दिया था। इसके पीछे भी कई अनियमितताओं की खबरें थीं।
इस पूरी घटना ने न केवल छात्रों बल्कि पूरे शैक्षिक और राजनीतिक समुदाय में हंगामा मचा दिया है। विपक्षी दलों ने इस मामले पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार परीक्षा कराने में विफल रही है, जिसके कारण लाखों छात्रों को नुकसान हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय सरकार ने NEET-PG परीक्षा भी स्थगित कर दी है, जिससे परीक्षा के प्रति लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की संस्थागत विफलता माना है। उन्होंने माना कि लगातार पेपर लीक की घटनाओं ने परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके चलते NTA के प्रमुख को हटा दिया गया है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, CBI की जांच से यह उम्मीद की जाती है कि वह आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। छात्रों और अभिभावकों का भरोसा बहाल करने के लिए यह जांच बेहद महत्वपूर्ण है।
CBI की जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन-कौन से अधिकारी और व्यक्ति इस रैकेट में शामिल थे। इसके साथ ही, NTA को अपनी व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं पुनः ना हो। सरकार को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा प्रणाली पारदर्शी और सुरक्षित हो, जिससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
हालांकि यह सिर्फ शुरुआत है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि CBI की जांच और NTA द्वारा किए गए सुधारों से परीक्षा प्रणाली में स्थिरता और पारदर्शिता आएगी।
छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील है कि वे धैर्य बनाए रखें और शिक्षा प्रणाली में सुधार की इस प्रक्रिया का समर्थन करें। यह हमारे देश की शिक्षा प्रणाली के लिए एक अहम मोड़ है, जहां हमें मिलकर इसे मजबूत और पारदर्शी बनाना है।