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के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)
यूरोपा लीग में रोम और मैनचेस्टर यूनाइटेड के बीच हुए मैच ने खेल जगत के प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित किया। रोम कोच जोस मोरिन्हो ने अपने व्यंग्यात्मक अंदाज में मैच के रेफरी कार्लोस डेल सेरो ग्रांडे पर तंज कसा, जिसने रोम के मराश कंबुल्ला को खेल के 89वें मिनट में दूसरा पीला कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया था। इस महत्वपूर्ण निर्णय की चर्चा हर ओर हो रही है, जो रोम और मैनचेस्टर यूनाइटेड के बीच के इस वर्ष के महत्वपूर्ण मैचों में से एक बना। मोरिन्हो का कहना था कि यह निर्णय अद्भुत था और उन्होंने इसे बिल्कुल सही बताया।
जोस मोरिन्हो ने मैच के बाद प्रेस कॉनफ्रेंस में बहुत व्यंग्यात्मक ढंग से रेफरी कार्लोस डेल सेरो ग्रांडे की सराहना की। उन्होंने कहा कि रेफरी ने निर्णायक क्षण में शानदार प्रदर्शन किया और कंबुल्ला को दूसरे पीले कार्ड से बाहर करना उनके समय का सबसे शानदार निर्णय था। मोरिन्हो की इस व्यंग्यात्मक टिप्पणी ने फुटबॉल समुदाय में एक बार फिर उनकी चतुर और चुलबुली छवि को सामने लाया।
यह मैच मैनचेस्टर यूनाइटेड के घरेलू मैदान ऑल्ड ट्रैफर्ड पर खेला गया था। यह वही मैदान है जहां मोरिन्हो ने एक समय पर मैनचेस्टर यूनाइटेड की कोचिंग की थी, जो उनके लिए एक निश्चित रूमानी वापसी की तरह था। रोम पहले ही स्कोर में पीछे चल रही थी, 2-1 के अंतर से हार का सामना कर रही थी जब यह विवादास्पद घटना हुई। कंबुल्ला को दूसरे पीले कार्ड के लिए बुक किया गया, उनकी गलती स्कॉट मैकटोमी पर फाउल करने की थी।
रोम का यह इस साल का पहला यूरोपा लीग में हार थी। यह हार निश्चित ही टीम की मनोस्थिति पर असर डाल सकती है, खासकर जब यह हार एक विवादित रेड कार्ड के कारण आई हो। टीम का सामंजस्य और उसके खिलाड़ी कैसे इस घटना के बाद अपनी खेल भावना को बनाए रखते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। मोरिन्हो की अनुभवशीलता और उनकी रणनीतिक रणनीतियों पर इस समय बहुत दांव लगा हुआ है।
फुटबॉल में रेड कार्ड और पीले कार्ड का प्रावधान खेल की विषम और स्पर्धात्मक भावना को बनाए रखने के लिए होता है। हालांकि, जब भी रेफरी कोई विवादास्पद निर्णय लेता है, तब खिलाड़ियों और कोचों की प्रतिक्रियाएं अनिवार्य रूप से विभिन्न होती हैं। जोस मोरिन्हो जैसे अनुभवी कोच के लिए, ऐसे निर्णय कभी-कभी अनेकों संकेत निकालते हैं। ऐसी घटनाएं खेल को और अधिक रोमांचक और सक्रिय बना देती हैं।
रेड कार्ड के बाद मैच की दिशा और उसके कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करने में भी मोरिन्हो ने असाधारण संपर्क दृश्टिकोण दिखाया। ऐसे ही अन्य मैचों में इस विषय पर और क्या बदलाव या सुधार किए जा सकते हैं, इस पर विश्लेषकों के बीच भी चर्चा हो रही है।