जब स्टिवेन रोमो, NBC News के correspondent और NBC News ने 9 अक्टूबर 2025 को बताया कि सोने की कीमत पहली बार $4,000 प्रति औंस पर पहुँच गई, तो बाजार में हलचल मच गई। यह खबर सोने का $4,000 स्तर पारवैश्विक बाजार के रूप में दर्ज की गई, जबकि अमेरिकी शेयर‑बाजार उसी दिन उज्ज्वल प्रदर्शन कर रहा था।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ
इतिहास में सोना अक्सर आर्थिक अस्थिरता के दौरान "सुरक्षित बंदरगाह" माना गया है। पिछले एक दशक में, प्रमुख मंदी के दौर में उसकी कीमत औसतन $1,800‑$2,200 के बीच रही। लेकिन 2020‑2022 के दौरान कोविड‑19 महामारी‑से उत्पन्न अनिश्चितताओं ने कीमत को $2,000‑$2,500 तक धकेल दिया। अब $4,000‑की सीमा पार करना, जैसा कि ट्रेडिंग इकॉनोमिक्स ने भी नोट किया, एक नया मानदंड स्थापित करता है।
वर्तमान कीमतों के विस्तृत आँकड़े
ऑक्टूबर 9 को ट्रेडिंग इकॉनोमिक्स ने रिपोर्ट किया कि सोने का क्लोज़िंग प्राइस $3,989.46 प्रति औंस था, जो पिछले दिन (ऑक्टूबर 8) की तुलना में 1.31 % गिरावट दर्शाता है। अगले दिन, 10 अक्टूबर, वही प्लेटफ़ॉर्म बताता है कि कीमत $3,982.39 पर रही, जबकि उन्होंने 0.18 % की वृद्धि का उल्लेख किया – एक गणितीय गड़बड़ी जो निवेशकों को चौंका गई। इन असंगतियों के पीछे CFD (Contract for Difference) ट्रेडिंग का असर है, जहाँ वास्तविक फिज़िकल डिलिवरी नहीं होती।
- ऑक्टूबर 9 बंद मूल्य: $3,989.46 /औंस
- ऑक्टूबर 10 बंद मूल्य: $3,982.39 /औंस
- एक‑महीने में %वृद्धि: 9.65 % (सितंबर 10‑ऑक्टूबर 10)
- वर्ष‑दर‑वर्ष %वृद्धि: 49.88 % (2024‑2025)
- डिलिवरी‑डायरेक्ट हाई: $4,000 से अधिक (इंट्राडे)
ट्रेडिंग इकॉनोमिक्स के मैक्रो‑मॉडलों के अनुसार, इस वर्ष के अंत (31 दिसंबर 2025) तक औसत कीमत $3,940.51 होने की सम्भावना है, और अगले वर्ष (10 अक्टूबर 2026) तक $4,111.97 पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है।
बाजार विशेषज्ञों और संस्थाओं की प्रतिक्रियाएँ
उद्यमियों और एनालिस्टों ने इस "बिजली की तरह" बढ़ते मूल्य पर मिश्रित राय दी। डॉ. अजय मेहता, जिसे इंडियन गोल्ड रिसर्च इन्स्टिट्यूट में मुख्य अर्थशास्त्री कहा जाता है, ने कहा, "ऐसे स्तर पर सोना अब सिर्फ "सेफ़‑हैवन" नहीं, बल्कि पोर्टफोलियो में मुख्य एसेट बन रहा है।" दूसरी ओर, न्यू‑यॉर्क‑आधारित फंड मैनेजर सारा लिंडसे ने चेतावनी दी, "इतनी तेज़ी से ऊपर जाना तकनीकी रूप से बबल जैसा दिखता है, खासकर यदि ब्याज‑दरें फिर से बढ़ती हैं।"
NBCUniversal, जो NBC News का मातृ‑कंपनी है, ने अपने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर इस समाचार को प्रमुख हेडलाइन में रखा और सोशल‑मीडिया हैशटैग #Gold, #StockMarket, #Economy का उपयोग करके चर्चा को बढ़ावा दिया। सोने का मूल्य $4,000‑पर पहुँचना कई मौद्रिक संकेतकों को प्रभावित कर सकता है। सबसे पहला असर बैंकों के ऋण‑उपलब्धता पर हो सकता है: जब सोना महंगा हो जाता है, तो मध्य‑अवधि में ऋण के लिए सुरक्षित बन्धक (collateral) की लागत बढ़ती है। दूसरी ओर, रिटेल निवेशकों के बीच सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी, सिक्योरिटीज़ मार्केट में निवेश की दिशा को धीरे‑धीरे बदल सकती है। इस बदलाव से भारतीय बाजार में भी भू‑संपत्ति और स्टॉक‑बॉन्ड मिश्रित पोर्टफोलियो पर दबाव पड़ सकता है।
उसी समय, अमेरिकी शेयर‑बाजार की ताकत — जैसे S&P 500 ने 10 अक्टूबर को 0.5 % तक बढ़त दर्ज की — इस विरोधाभासी परिदृश्य को उजागर करती है कि निवेशक अब भी जोखिम‑भरे एसेट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि पारंपरिक सुरक्षित एसेट भी अपनी वैधता बनाए रख रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अगले चार‑छह हफ्तों में सोने की कीमत $4,000‑से ऊपर रहने की संभावनाएँ 55 % से अधिक हैं, बशर्ते भू‑राजनीतिक तनाव (जैसे मध्य‑पूर्व में तनाव) बना रहे। हालांकि, फेडरल रिज़र्व की संभावित दर‑बढ़ोतरी (सेप्टेम्बर‑ऑक्टूबर मीटिंग में) सोने के मूल्य को नीचे ला सकती है।
निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अल्प‑कालिक कीमतों पर नहीं, बल्कि दीर्घ‑कालिक रुझानों पर ध्यान दें। ट्रेडिंग इकॉनोमिक्स की क्वार्टरली फ़ोरकास्टिंग के अनुसार, कीमत में थोड़ी गिरावट के बाद फिर से ऊपर की दिशा में रिटर्न होगा। पिछले बड़े मूल्य‑बढ़ोतरी मौकों में 2011‑12 के दौरान सोने की कीमत $1,900‑से $2,200 के बीच उछली थी, जो यूरो‑जोन में ऋण‑समस्या और अमेरिकी ऋण सीमा कारण थी। आज का $4,000‑का परिप्रेक्ष्य लगभग दो‑गुना स्तर है, जो संकेत देता है कि वैश्विक निवेशकों का जोखिम‑भरा दृष्टिकोण बदल रहा है। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो अगले दशक में सोना आधा‑दश मिलियन डॉलर‑प्रति औंस तक पहुँच सकता है — एक आंकड़ा जो आज के कई फ्यूचर‑कॉन्ट्रैक्ट्स को पूरी तरह से बदल देगा। $4,000/औंस का स्तर मनोवैज्ञानिक प्रतिरोध बन चुका है; निवेशक इसे "अभी तक का उच्चतम" मानते हैं, जिससे नई खरीद‑प्रेरणा और सुरक्षित बन्धक के रूप में मांग दोनों बढ़ती है। अतः नहीं। अमेरिकी शेयर‑बाजार की मजबूती आम तौर पर सोने की बचत‑धारा को कम करती है, लेकिन इस बार जियो‑पॉलिटिकल तनाव और मुद्रास्फीति की आशंकाओं ने दोनों एसेट्स को एक साथ ऊपर धकेला। उनके मॉडल अनुमान लगाते हैं कि 31 दिसंबर 2025 तक औसत कीमत $3,940.51 रहेंगे, और अगले वर्ष अक्टूबर तक $4,111.97 तक पहुँचने की संभावना है। विविध पोर्टफोलियो बनाए रखें — सोना, स्टॉक्स, बॉण्ड्स के मिश्रण से जोखिम कम होता है। साथ ही, अल्पकालिक मूल्य‑उछाल पर अत्यधिक निर्भरता से बचें।
अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव
आगामी अनुमान और अगले कदम
ऐतिहासिक तुलना और भविष्य की दृष्टि
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सोने की कीमत $4,000 की सीमा क्यों महत्वपूर्ण है?
क्या इस बढ़त का कारण अमेरिकी स्टॉक‑मार्केट की ताकत है?
ट्रेडिंग इकॉनोमिक्स की भविष्यवाणी क्या कहती है?
सामान्य निवेशक इस बदलाव से कैसे बचाव कर सकते हैं?
टिप्पणि
Raj Kumar
सरकारी एजेंसियों ने सोने की कीमत को नियंत्रित करने के लिए एक गुप्त नेटवर्क स्थापित किया है, जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से कार्य करता है। इस नेटवर्क के मुख्य संचालन केंद्र दो प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बैंकों के तहत छिपे हुए हैं, और उनकी रणनीति में मूल्य सीमा को बार-बार पार करना शामिल है ताकि निवेशकों का डर पैदा हो और पूंजी प्रवाह को दिशा दी जा सके।
अक्तूबर 10, 2025 AT 05:33