न्यूजीलैंड के क्रिस्टचर्च स्थित हैगले ओवल में खेले गए पहले टेस्ट मैच के बाद, आईसीसी ने इंग्लैंड और न्यूजीलैंड को प्रत्येक को 15% मैच फीस का जुर्माना और तीन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट्स की सजा दी है। दोनों टीमें निर्धारित समय में तीन ओवर कम फेंकने के आरोप में दोषी पाई गईं — मैच 29 अक्टूबर, 2025 को रात 8:45 बजे (यूटीसी) समाप्त हुआ था। यह सजा डेविड बून, एमीरेट्स आईसीसी एलाइट पैनल ऑफ मैच रिफरीज के अधिकारी ने लगाई, जिसके तहत आईसीसी के कॉन्डक्ट कोड की धारा 2.22 और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की खेल की शर्तों की धारा 16.11.2 के तहत प्रत्येक ओवर कमी पर 5% जुर्माना और एक पॉइंट काटा जाता है।
कप्तानों ने स्वीकार की सजा, कोई सुनवाई नहीं
दोनों टीमों के कप्तान — बेंजामिन एंड्रयू स्टोक्स (इंग्लैंड) और थॉमस विलियम लैथम (न्यूजीलैंड) — ने आरोप स्वीकार कर लिया, जिससे आधिकारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी। यह आरोप ऑन-फील्ड अम्पायर अहसन राजा (पाकिस्तान) और रॉड टकर (ऑस्ट्रेलिया), थर्ड अम्पायर एड्रियन होल्डस्टॉक (दक्षिण अफ्रीका) और फोर्थ ऑफिशियल किम कॉटन (न्यूजीलैंड) ने लगाया।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप स्थिति पर गहरा असर
इस सजा का असर तुरंत टेबल पर दिखा। न्यूजीलैंड की स्थिति चौथे स्थान से घटकर पांचवें स्थान पर आ गई — फाइनल की ओर का रास्ता अब बहुत कठिन हो गया। इंग्लैंड, जो पहले से ही छठे स्थान पर था, उसकी स्थिति और खराब हो गई। 2023-25 चक्र में इंग्लैंड को अब तक 22 पॉइंट्स ओवर रेट के कारण काट लिए गए हैं। इनमें से 19 पॉइंट्स तो 2023 एशेज सीरीज के दौरान ही काटे गए थे — जहां उन्होंने अपने जीत के बावजूद धीमी ओवर रेट के लिए सजा भुगती।
स्टोक्स की आवाज: एक नियम सबके लिए नहीं
बेंजामिन स्टोक्स ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से आक्रोश व्यक्त किया है। क्रिस्टचर्च मैच के बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पर गुस्सा जाहिर किया, फिर बेसिन रिजर्व में दूसरे टेस्ट से पहले मीडिया से बातचीत में अपनी बात स्पष्ट की। "फैंस को एक दिन का पूरा समय नहीं मिलना बहुत नाराज करता है। लेकिन हम जो कर रहे हैं, वह जानबूझकर धीमा नहीं है। हम जीतने के लिए खेल रहे हैं, और उसके लिए बहुत कुछ होता है," उन्होंने कहा।
उनका आरोप है कि आईसीसी का एक नियम सबके लिए नहीं हो सकता। "एशिया में 70% ओवर स्पिन बॉलर्स के होते हैं, जबकि न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में 70-80% सीम बॉलिंग होती है। इन दोनों अलग-अलग शर्तों के लिए एक ही नियम कैसे लागू हो सकता है?" उन्होंने मैनचेस्टर में भारत के खिलाफ मैच से पहले यही बात कही थी।
क्यों भारत और ऑस्ट्रेलिया को नहीं मिली सजा?
यही कारण है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैचों में, जहां ओवर रेट धीमी रही, उन्हें कोई सजा नहीं मिली। आईसीसी के खेल के नियमों में अलग-अलग क्षेत्रों के बॉलिंग पैटर्न को ध्यान में रखा गया है। स्पिन-मुख्य एशियाई ट्रैक्स पर ओवर रेट की गणना अलग होती है — जहां बॉल ज्यादा देर तक रुकती है, वहां समय के अतिरिक्त अंतराल दिए जाते हैं। इसके विपरीत, सीएनएसए (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में सीम बॉलिंग के कारण गेंद तेजी से लौटती है, लेकिन फिर भी ओवर रेट के लिए एक ही लिमिट लागू होती है — जिसकी आलोचना स्टोक्स कर रहे हैं।
लॉर्ड्स में भी एक ही गलती
इंग्लैंड को पिछले साल लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में भी दो पॉइंट्स काटे गए थे और 10% मैच फीस जुर्माना लगाया गया था। स्टोक्स ने उस समय भी कहा था कि बारिश, धुंध और अन्य शर्तों के बीच ओवर रेट की गणना करना न्यायसंगत नहीं है। आईसीसी के अनुसार, जब किसी टीम की ओवर रेट 15 ओवर प्रति घंटे से कम होती है, तो उसे मिनिमम ओवर रेट उल्लंघन के लिए दोषी ठहराया जाता है — लेकिन यह गणना चोट, डीआरएस रिव्यू, और अन्य रुकावटों के आधार पर अलग-अलग होती है।
अब क्या होगा? शेष मैचों की चुनौती
अब दोनों टीमों के पास बचे हुए मैचों में ओवर रेट बेहतर करने का एकमात्र रास्ता है। न्यूजीलैंड को पांचवें स्थान से चार या तीन टीमों को पीछे छोड़ना होगा — जिसके लिए उन्हें अगले दो मैचों में जीत के साथ-साथ ओवर रेट का भी ख्याल रखना होगा। इंग्लैंड के लिए तो यह अभी तक की सबसे बड़ी चुनौती है — 22 पॉइंट्स के नुकसान को वापस लाना।
यह मुद्दा सिर्फ दो टीमों का नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के भविष्य का भी है। अगर आईसीसी ने अभी तक नियमों में सुधार नहीं किया, तो अगले चक्र में और अधिक विवाद हो सकते हैं। खिलाड़ी बस खेल खेलना चाहते हैं — लेकिन अब वे ओवर की गिनती के लिए भी लड़ रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड को क्यों ओवर रेट के लिए जुर्माना लगा?
दोनों टीमें निर्धारित समय में तीन ओवर कम फेंक दिए। आईसीसी के नियम के अनुसार, हर ओवर कमी पर एक विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट काटा जाता है और मैच फीस का 5% जुर्माना लगता है। दोनों कप्तानों ने आरोप स्वीकार कर लिया, इसलिए जुर्माना लग गया।
क्यों भारत और ऑस्ट्रेलिया को इसी तरह की सजा नहीं मिली?
भारत के ट्रैक्स पर स्पिन बॉलिंग 70% से अधिक होती है, जिससे गेंद धीमी लौटती है और खेल की गति कम हो जाती है। आईसीसी इन क्षेत्रों के लिए अलग समय की छूट देता है। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसे सीएनएसए देशों में सीम बॉलिंग ज्यादा होती है, लेकिन फिर भी उन्हें एक ही ओवर रेट लागू किया जाता है — जिसकी आलोचना बेंजामिन स्टोक्स कर रहे हैं।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में ओवर रेट के पॉइंट्स कैसे काटे जाते हैं?
आईसीसी के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप नियमों के अनुसार, हर ओवर कमी पर एक पॉइंट काटा जाता है। इंग्लैंड ने अब तक 22 पॉइंट्स खो दिए हैं — जिसमें 19 पॉइंट्स केवल 2023 एशेज सीरीज में ही काटे गए। यह एक ऐसा नियम है जो टीमों की जीत के आधार पर नहीं, बल्कि खेल की गति पर आधारित है।
स्टोक्स के आरोप के खिलाफ आईसीसी क्या कह रहा है?
आईसीसी ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके नियमों में क्षेत्रीय अंतर के लिए कुछ छूट शामिल है — जैसे डीआरएस रिव्यू या चोट के लिए समय की छूट। लेकिन बॉलिंग पैटर्न के आधार पर अलग-अलग ओवर रेट लागू करने के लिए कोई बदलाव अभी नहीं किया गया है।
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के लिए अब फाइनल तक पहुंचना संभव है?
न्यूजीलैंड के लिए फाइनल तक पहुंचना अब बहुत मुश्किल हो गया है — उन्हें अगले दो मैचों में जीत के साथ दूसरी टीमों को पीछे छोड़ना होगा। इंग्लैंड के लिए तो यह लगभग असंभव है — 22 पॉइंट्स के नुकसान को वापस लाने के लिए उन्हें सभी बाकी मैच जीतने होंगे और शीर्ष टीमों के नुकसान का इंतजार करना होगा।