रिपोर्ट: अमित भाट
46 की उम्र में पांच विकेट: इमरान ताहिर ने एंटीगा में इतिहास दोहराया
टी20 में गति नहीं, बुद्धि जीतती है—और 46 साल के इमरान ताहिर ने यह बात फिर साबित कर दी। नॉर्थ साउंड (एंटीगा) के सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में CPL 2025 के मैच 9 में गुयाना अमेज़न वॉरियर्स ने एंटीगा एंड बारबुडा फाल्कन्स को 83 रन से हराया। फाल्कन्स का मजबूत घरेलू मैदान भी ताहिर की लेग-स्पिन, बदलती रफ्तार और सटीक गुगली के सामने बेअसर रहा।
वॉरियर्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवर में 211/3 का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया। पारी की दिल धड़काने वाली धुरी रहे शाई होप ने 54 गेंदों पर 82 रन ठोके—क्लासिक शॉट्स, गैप खोजने की कला और सिंगल-डबल से स्ट्राइक रोटेट करना, सब कुछ। दूसरे छोर पर शिमरोन हेटमायर ने डेथ ओवरों में गियर बदलकर 26 गेंदों पर नाबाद 65 की रफ्तार लगाई। दोनों की यह कॉम्बो बल्लेबाज़ी फाल्कन्स के गेंदबाज़ों को लगातार दबाव में रखती रही।
वॉरियर्स की पारी का टेम्प्लेट साफ था—शुरुआत में बिना खतरा उठाए आधार बनाओ, मिड ओवर्स में स्पिन के खिलाफ जोखिम उठाओ और आखिरी ओवरों में छूट कर खेलो। होप ने कवर और मिडविकेट के बीच बेहतरीन प्लेसमेंट दिखाया, जबकि हेटमायर ने लांबा बैक-लिफ्ट और तेज़ हाथों से गेंद को स्टैंड्स तक पहुंचाया। परिणाम—फाल्कन्स के पास योजना बदलने का समय ही नहीं बचा।
फील्डिंग में भी मैच में रोमांच दिखा। गुडकेश मोती ने बाउंड्री लाइन पर हवा में लहराते हुए ऐसा कैच पकड़ा, जिसे देखकर दर्शक कुर्सियों से उछल पड़े। दूसरी ओर फैबियन एलेन ने छलांग लगाकर लगभग पक्का लग रहा छक्का रोक दिया—क्लीन एथलेटिसिज़्म की मिसाल। ऐसे पलों ने वॉरियर्स की ऊर्जा बढ़ाई और फाल्कन्स की उम्मीदें छोटी करती चली गईं।
चेज़ में फाल्कन्स की शुरुआत बिगड़ी और फिर संभल नहीं पाई। बड़ा लक्ष्य दिखते ही शॉट चयन उतावला हो गया, स्ट्राइक रोटेशन थम गई और पार्टनरशिप्स बन ही नहीं पाईं। 212 का पीछा करते हुए 15.2 ओवर में टीम 128 पर ढेर हो गई—स्कोरबोर्ड पर दबाव की क्लासिक कहानी।
ताहिर की गुगली, मिड-ओवर्स का जाल और वॉरियर्स की योजनाबद्ध जीत
मैच का मोड़ मिड-ओवर्स में आया, जहां इमरान ताहिर ने स्पेल फेंका—5 विकेट, 21 रन, और हर ओवर में बल्लेबाज़ों पर अलग तरह का सवाल। कभी लेग-ब्रेक का कमाल, कभी तेज़ गुगली, कभी हवा में हल्का-सा फ्लोट। बल्लेबाज़ या तो पढ़ ही नहीं पाए या पढ़कर भी देर से शॉट खेल बैठे। ताहिर की यह बॉलिंग सिर्फ विकेट लेने वाली नहीं थी, यह चेज़ की रफ्तार रोकने वाली थी।
ताहिर के साथ दूसरे छोर से भी दबाव बना रहा। पेसरों ने सीम-अप रखकर लेंथ नहीं छोड़ी, स्पिनरों ने स्टंप-टू-स्टंप टारगेट किया। फील्ड सेटिंग में डीप स्क्वायर और लॉन्ग-ऑन/लॉन्ग-ऑफ पर फील्डर तैनात रहे ताकि बड़े शॉट आधे में ही रुक जाएं। फाल्कन्स को बाउंड्री के लिए मजबूर करना और फिर मिस-हिट से कैच निकलवाना—यही प्लान चला और चलता रहा।
फाल्कन्स की बल्लेबाज़ी की कमजोर कड़ी साफ दिखी—पावरप्ले के बाद स्ट्राइक रोटेशन गायब, स्पिन के सामने पैड पर फंसना या क्रीज़ से बाहर निकलकर रिस्क लेना। जब बड़े रन चाहिए थे तो डॉट बॉल का ढेर लग गया, और वहीं से जल्दबाज़ी ने विकेट दे दिए।
ताहिर ने कई बार यह दिखाया है कि टी20 में अनुभव बराबर ताकत है। रन-अप छोटा, लेकिन कंट्रोल कमाल का; रफ्तार बदलते वक्त कलाई की स्थिति एकदम अंतिम पल में; और सबसे बड़ी चीज—गेन के बाद की फॉलो-थ्रू में खुद को उसी तरफ ले जाना जहां अगला प्लान बनाना है। यही माइक्रो-डिटेल्स उन्हें खतरनाक बनाती हैं।
गुयाना अमेज़न वॉरियर्स के लिए यह जीत सिर्फ दो अंक नहीं, नेट रन रेट के लिहाज से बड़ा इंजेक्शन है। 83 रन का मार्जिन बताता है कि टीम हर विभाग में आगे रही—बल्लेबाज़ी में ठहराव और तूफान, गेंदबाज़ी में योजना और अनुशासन, और फील्डिंग में एथलेटिसिज़्म। ऐसी जीतें टूर्नामेंट के बीच में टीम को भरोसा देती हैं कि गलतियां हुईं तो भी जुगाड़ मिल जाएगा।
शाई होप की बैटिंग पर अलग से बात बनती है। वह सिर्फ बाउंड्री ही नहीं, बीच के ओवरों में सिंगल-दो रन से स्कोरबोर्ड चलाने की जिम्मेदारी उठाते हैं। टी20 में एंकर की परिभाषा बदल चुकी है—धीमा खेलना नहीं, सही गेंद पर सही शॉट खेलना। होप ने यही किया और हेटमायर को लाइसेंस दिया कि वह डेथ में जोखिम लें।
हेटमायर की पारी ने डेथ ओवर्स की गणित उलट दी। फुल लेंथ पर स्ट्रेट हिट, गुड लेंथ पर पिकअप पुल, और स्पिनर को सामने देखकर तेज़ी से बाहर निकलकर बैक-लिफ्ट खोलना—वह सब दिखा जिसकी वजह से टी20 में उन्हें फिनिशर कहा जाता है।
फाल्कन्स के लिए सीख साफ है—बड़े स्कोर का पीछा करते वक्त शुरुआती 6-8 ओवर निकालना जरूरी है। अगर वहीं दो-तीन विकेट गिरे तो 10 की रन-रेट 13-14 में बदलते देर नहीं लगती। साथ ही स्पिन के खिलाफ स्वीप/रिवर्स स्वीप जैसे कम-रिस्क विकल्पों से स्ट्राइक रोटेट करना पड़ेगा, वरना ताहिर जैसे गेंदबाज़ आपको क्रीज़ में जकड़ लेते हैं।
कॉन्टेक्स्ट में देखें तो इमरान ताहिर की यह स्पेल उनके CPL करियर की याद दिलाती है। 2023 में उन्होंने वॉरियर्स की खिताबी दौड़ में नेतृत्व और विकेट दोनों दिए थे। उम्र बढ़ी है, पर स्किल और फिटनेस का स्तर अभी भी टॉप-टीयर है—शायद इसी कारण वह टी20 लीग्स में लगातार मैच-डिफाइनिंग स्पेल निकलवाते हैं।
एंटीगा की पिच ने भी कहानी में रोल निभाया। शाम की हवा और हल्की-सी ग्रिप ने स्पिनरों को मदद दी, लेकिन सच्चाई यह भी है कि वॉरियर्स के बल्लेबाज़ों ने वही पिच पर 200 प्लस बना दिए। यानी प्लेटफॉर्म और एग्ज़िक्यूशन सही रहा तो रन निकलते हैं; गलत शॉट और गलत प्लानिंग से विकेट गिरते हैं—इतना सीधा खेल था।
टूर्नामेंट की बड़ी तस्वीर में यह मुकाबला वॉरियर्स को टॉप ब्रैकेट की रेस में धकेलता है। टीम के पास अब विकल्पों की भरमार है—टॉप ऑर्डर एंकर, मिडल ऑर्डर पावर, स्पिन-थ्रॉटल और डेथ-ओवर स्किल। फाल्कन्स को दूसरी तरफ बैटिंग टेम्पलेट फिर से बनाना होगा—पावरप्ले में जोखिम सीमित, मिड ओवर्स में रोटेशन और डेथ में काउंटेड अटैक।
मैच की झलकियाँ संक्षेप में:
- गुयाना अमेज़न वॉरियर्स: 211/3 (शाई होप 82, शिमरोन हेटमायर 65*).
- एंटीगा एंड बारबुडा फाल्कन्स: 128 ऑल आउट, 15.2 ओवर.
- इमरान ताहिर: 5/21 – मिड ओवर्स में गेम-चेंजर स्पेल।
- फील्डिंग हाइलाइट्स: गुडकेश मोती का बाउंड्री-लाइन कैच, फैबियन एलेन की एथलेटिक सेव।
- परिणाम: वॉरियर्स 83 रन से जीते—नेट रन रेट में बड़ा फायदा।
अगले हफ्तों में शेड्यूल टाइट होगा और बैक-टू-बैक मैचों में बेंच स्ट्रेंथ की परीक्षा होगी। वॉरियर्स के लिए यह मौका है बढ़त को स्थिर करने का, वहीं फाल्कन्स के लिए यह हार चेतावनी है—अनुशासन, साझेदारियाँ और स्पिन के खिलाफ स्पष्ट प्लान के बिना बड़े लक्ष्य पकड़ में नहीं आते।
परफॉर्मेंस मीट्रिक जो टीम मैनेजमेंट देखेगा—डॉट बॉल प्रतिशत, पावरप्ले में विकेट संरक्षण और मिड ओवर्स के रन। वॉरियर्स ने इन तीनों कॉलम में फाल्कन्स को पछाड़ दिया, और यही 83 रन के मार्जिन की असली वजह बना।
आंकड़ों से परे, यह मुकाबला एक संदेश भी छोड़ गया—टी20 में उम्र रुकावट नहीं है, अगर स्किल और फिटनेस साथ हो। इमरान ताहिर इसका चलता-फिरता उदाहरण हैं। और जब उनके जैसे सीनियर प्रो अगले मैच में भी इसी तरह की लय लेकर उतरें, तो किसी भी बैटिंग लाइन-अप को अपनी योजना बहुत साफ करनी होगी।