ब्राज़ील ने शुरू की 'न्यायसंगत और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन संधि' की पहल: वैश्विक ऊर्जा बदलाव की दिशा में बड़ा कदम

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नव॰

के द्वारा प्रकाशित किया गया राजेश मालवीय साथ 0 टिप्पणियाँ)

ब्राज़ील ने शुरू की 'न्यायसंगत और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन संधि' की पहल: वैश्विक ऊर्जा बदलाव की दिशा में बड़ा कदम

ब्राज़ील की नई 'न्यायसंगत और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन संधि'

ब्राज़ील ने अपनी जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत चर्चित 'न्यायसंगत और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन संधि' की शुरुआत करते हुए वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में एक प्रमुख कदम उठाया है। कोप29 के अवसर पर बाकू, अज़रबैजान में इस महत्वपूर्ण पहल का उद्घाटन किया गया। इस संधि का उद्देश्य एक ऐसा ऊर्जा परिवर्तन लाना है जो स्वच्छ, सुलभ और समावेशी हो। यह उन दस स्वेच्छिक सिद्धांतों पर आधारित है जिन्हें 4 अक्टूबर 2024 को फोज डू इगुआसु में ऊर्जा परिवर्तन कार्य समूह की बैठकों में जी20 ऊर्जा मंत्रियों ने स्वीकृति दी थी। इन सिद्धांतों का उद्देश्य ऊर्जा परिवर्तन के सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों पर ध्यान देना है, यह मानते हुए कि स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच मानव कल्याण, जीविका और समृद्धि के लिए केन्द्रीय है।

संधि के उद्घाटन का महत्व

इस संधि के उद्घाटन समारोह में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया, जिनमें ब्राज़ील के खनन और ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंड्रे सिल्वेरा, संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव अमीना मोहम्मद, और टिकाऊ ऊर्जा के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि और सीईओ दमिलोला ओगुनबियी शामिल थे। इन वक्ताओं ने संधि के व्यापक-आधारित और बहुपक्षीय दृष्टिकोण पर जोर देकर कहा कि वैश्विक समुदाय की यह जिम्मेदारी है कि विचारों को नवाचार और कार्रवाई में परिवर्तित करने का सामूहिक प्रयास किया जाए।

पूर्व ऊर्जा संधियों का निरंतर विकास

पूर्व ऊर्जा संधियों का निरंतर विकास

यह नई संधि 2021 में शुरू की गई ऊर्जा संधियों की विरासत को आगे बढ़ा रही है, जिसने 200 से अधिक हितधारकों को एकत्रित किया है और एसडीजी7 के समर्थन में 1.4 ट्रिलियन डॉलर का वित्तीय वादा किया है। इस नई संधि का उद्देश्य एक समावेशी गठबंधन खड़ा करना है, जो न्यायसंगत परिवर्तन को सशक्त करता है और साझा सिद्धांतों को आगे बढ़ाता है जैसे कि लिंग और ऊर्जा, 24/7 कार्बन-रहित ऊर्जा, और नो न्यू कोल।

संधि के प्रमुख वक्तत्व

उद्घाटन में शामिल प्रमुख व्यक्तित्वों ने इस पहल के महत्व पर जोर दिया। अलेक्जेंड्रे सिल्वेरा ने कहा कि राष्ट्रपति लुला गहराई से विश्वास करते हैं कि अनुभवों और प्रौद्योगिकी को साझा करके ऊर्जा गरीबी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है, जिससे ब्राज़ील इस महत्त्वपूर्ण लड़ाई में दूसरे देशों का बड़ा सहयोगी बन सके। अमीना मोहम्मद ने सभी हितधारकों – सरकार, उद्योग, वित्तीय संस्थानों और निजी क्षेत्र – को नवाचार और कार्रवाई की प्रतिज्ञा में बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया। दमिलोला ओगुनबियी ने इस संधि को एक ऐसा मील का पत्थर बताया जो न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को इंगित करता है, विशेष रूप से कमजोर समुदायों के लिए।

ग्लोबल समुदाय के लिए एक आमंत्रण

ग्लोबल समुदाय के लिए एक आमंत्रण

यह संधि वैश्विक समुदाय के लिए एक आह्वान है कि इस रूपांतरकारी यात्रा में शामिल हों, जिसमें ब्राज़ील को एक न्यायसंगत और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले नेता के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है। इस पहल के माध्यम से सामाजिक और पर्यावरणीय विकास को विशेष महत्व दिया जाएगा, जो दीर्घकालिक मानव कल्याण और वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस संधि के तहत विचार यह है कि ऊर्जा परिवर्तन केवल तकनीकी या आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी और समावेशी विकास का भी यह अहम हिस्सा होना चाहिए। यह पहल यह भी दर्शाती है कि स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना एक सार्वजनिक नीति का मुद्दा है जो केवल एक विशिष्ट समाज के एक वर्ग तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे एक वैश्विक संवर्धन का हिस्सा बनाना चाहिए।

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