एशिया कप में टीम की बिखरती स्थिति
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एशिया कप 2025 में भारत के खिलाफ दोनों हार के बाद एक असामान्य कदम उठाया – उन्होंने टूर्नामेंट के बीच में ही बाबर आज़ाम को टीम में जोड़ने की कोशिश की। यह प्रस्ताव आयोजकों तक पहुंचा, लेकिन नियमों ने कहा कि केवल चोट के केस में ही खिलाड़ी बदल सकते हैं। इस कारण बाबर का नाम फिर भी नहीं जुड़ सका।
बाबर को पिछले साल दिसंबर में टाइटन टाँस में खेला था, उसके बाद से वह पाकिस्तान के टी20I सेटअप में नहीं रहा। उसकी अनुपस्थिति को टीम ने खुलेआम महसूस किया, खासकर जब भारत के सामने उनकी बल्लेबाजी लगातार गिरती रही।
वर्तमान कप्तान सलमान अली आघा अब धुंधले अंदाज़े में हैं। उनका औसत 24 रन और स्ट्राइक रेट 110 बहुत वादा नहीं करता, जबकि टीम की रणनीति तेज़ स्कोरिंग की है। एशिया कप में उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन और भी निराशाजनक रहा – 6 इंट्री में केवल 64 रन, औसत 12.80 और स्ट्राइक रेट 78.05। इस आँकड़े को देख कर कई लोग उनके कप्तान बने रहने पर सवाल उठाते हैं।
आगे की टी20I श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बाबर की वापसी की अटकलें तेज़ी से बढ़ रही हैं। कई अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि PCB बाबर को फिर से बुलाने की सोच रहा है, खासकर जब टीम को एक भरोसेमंद बैटर चाहिए। अगर बाबर वापस आते हैं, तो यह सलमान के कप्तान पद पर भी दबाव बना सकता है।

भविष्य की योजना और चुनौतियां
टीम सिर्फ एशिया कप से आगे नहीं देख रही, टॉप लेवल पर टेस्ट और टी20 विश्व कप की तैयारी भी है। बाबर ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रेड बॉल ट्रेनिंग कैंप में जगह पक्की कर ली है, जहाँ 10 अन्य खिलाड़ियों के साथ वह दक्षिण अफ्रीका के साथ आने वाले टेस्ट सीजन के लिए तैयारी करेंगे। यह कैंप टीम के दीर्घकालिक विकल्पों को सुदृढ़ करने के लिए बनाया गया है।
कैंप में मोहम्मद रिझवान और नसीम शाह नहीं हैं; वे कैरिबियन प्रीमियर लीग में व्यस्त हैं। इस जगह पर अब्दुल्ला शफ़ीक, अली रजा, अझान आवाइस और कमरान गुलाम जैसे युवा खिलाड़ी शामिल हैं, जो टीम के भविष्य को आकार देंगे।
भारतीय विश्लेषकों ने भी बाबर को वापस लाने की सिफारिश की है, यह मानते हुए कि उनके अनुभव और निरंतरता पाकिस्तान की टी20I रणनीति को बेहतर बना सकते हैं। आम जनता का भी दवाब बढ़ा है – कई फैंस बाबर की वापसी की मांग कर रहे हैं और सलमान के चयन पर सवाल उठा रहे हैं।
इस घटना ने दिखा दिया कि क्रिकेट बोर्डों को टूर्नामेंट के नियमों का सम्मान करना चाहिए, चाहे वे कितनी भी निराशा में हों। अगर PCB ने इस नियम को तोड़कर बाबर को जोड़ दिया होता, तो यह प्रतियोगिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाता। नियमों की वजह से बाबर की एशिया कप में वापसी नहीं हो सकी, लेकिन यह एक सीख होगी कि भविष्य में कैसे बेहतर प्रबंधन किया जाए।
आगामी मैचों में PCB को यह तय करना होगा कि बाबर को दक्षिण अफ्रीका की टी20I श्रृंखला में शामिल किया जाए या नहीं। अगर बाबर वापस आते हैं, तो यह न सिर्फ टीम के स्कोरबोर्ड को तेज़ करेगा, बल्कि सलमान के नेतृत्व को भी एक नया मोड़ देगा। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि कब और कैसे पाकिस्तान अपने रणनीतिक बदलावों को लागू करेगा।