मैच का सारांश
दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 26 सितम्बर, 2025 को भारत बनाम श्रीलंका का सुपर फोर मैच हुआ। भारत पहले ही फाइनल में पाकिस्तान के साथ मुकाबले की जगह सुरक्षित कर चुका था, इसलिए इस गेम को टीम ने ‘प्रैक्टिस मैच’ की तरह इस्तेमाल किया। अंत में भारत ने 200 से अधिक रन बनाकर शत प्रतिशत से जीत दर्ज की, जबकि श्रीलंका की उम्मीदें टूट गईं।
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच में बिनहेडेड लॉन्च किया, जिससे टीम को शुरुआती पावरप्लेस मिला। शुरुआती ओवर में अभिषेक शर्मा ने विस्फोटक आगाज किया और टीम के जल्दी 70‑70 के लक्ष्य को तय कर दिया। शुबमन गिल ने निरंतरता दिखाते हुए 45* बनाया, जबकि मध्य क्रम में तिलक वार्मा, संजू साबर और हार्दिक पांड्या ने क्रमशः ठोस पिच बनायी। आक्षर पटेल ने 30 का आत्मविश्वासपूर्ण प्रदर्शन किया।
बॉलिंग में कुलेदीप यादव, वरुण चक्रवर्थी, हरशित राणा और अर्शदीप सिंह ने विविधता दिखाई। अर्शदीप की तेज़ गिफ़्ट और कुलेदीप की लहूलहूयी गति ने श्रीलंका के टॉप ऑर्डर को बार‑बार अटकाया। कुल मिलाकर भारत ने 208/4 की लक्ष्योपर्याप्त स्कोर बनायी, जिससे सुपर फोर में उनका दबदबा और भी मजबूत हुआ।
श्रीलंका के लिये यह मैच केवल गरिमा बचाने का अवसर था, क्योंकि वे पहले ही सुपर फोर राउंड में बांग्लादेश और पाकिस्तान के खिलाफ हार कर टुर्नामेंट से बाहर हो चुके थे। उनके कप्तान चारिथ असालंका ने टीम में आत्मविश्वास जगा दिया, पर शुरुआती आउट होने पर उनके बैटिंग लाइन‑अप कमजोर साबित हुआ। पाथुम निस्सांका ने 105 रन की शानदार शतकेंद्र बनाई, जिसमें अंतिम ओवर में एक विशाल छह भी शामिल था। कुसल परेरा ने दो लगातार सीम पर 20‑25 के छोटे‑छोटे अंकों से मदद की।
- पाथुम निस्सांका (105*)
- कुसाल परेरा (24)
- वैनिंदु हसरंगा (2/44)
- डुशंथ चमेहरा (1/38)
हालाँकि निस्सांका का शतकेंद्र शानदार रहा, लेकिन टीम की कुल बैटिंग कमजोर रही। पहले दो विकेट गिरते ही विकेट‑कीपर कुशल परेरा और कुसाल मेंडिस ने बहुत कम गति से रन बनाए। बॉलिंग में भी वैनिंदु हसरंगा के अलावा कोई प्रमुख खिलाड़ी नहीं उभरा, जिससे शत्रु टीम को आसानी से रेंज सेट करने में मदद मिली।
आगे की राह और अहम टैक्टिक
फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत क्रिकेट को दो चीज़ों पर विशेष ध्यान देना होगा – मध्य क्रम में निरंतरता और बॉलिंग वेरायटी को पूरी तरह से चलाना। मध्य क्रम में अक्सर तेज़ी से गिरते हुए देखी गईं असफलताएं को खत्म करने के लिये संजू साबर और अक्सर पटेल को अधिक जिम्मेदारी देनी होगी। यदि ये दोनों खिलाड़ी 30‑40 रन की स्थिरता दें तो लक्ष्य आसानी से 250‑260 के आसपास पहुँच सकता है।
बॉलिंग में कुलेदीप और वरुण की लहूलहूयी गति के साथ अर्शदीप की मिस्ट्री स्पिन को मिलाकर तेज़-धीमी पिच पर संतुलन बनाना जरूरी है। पाकिस्तान की पिछली टूर्नामेंट विश्लेषण से पता चलता है कि उन्हें तेज़ बॉल के सामने कमजोरियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए शुरुआती ओवर में इंटेंसिटी बढ़ाना फायदेमंद रहेगा। साथ ही, फाइनल में मैदान की पिच धूप में होगी, जिससे स्पिनरों को ग्रिप मिल सकती है – इस मौके को अक्सर और हार्दिक को सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।
श्रीलंका की ओर से यह स्पष्ट है कि उनके टॉप ऑर्डर ने काम नहीं किया, और बॉलिंग में स्थिरता की कमी रही। यदि वे भविष्य में सुपर फोर तक पहुंचना चाहते हैं, तो उन्होंने शुरुआती ओवर में दो स्थायी ओपनरों का चयन करना होगा और वैनिंदु की तरह़ एक भरोसेमंद क्विक बॉलर की तलाश करनी होगी।
इस तरह, भारत को फाइनल में अपनी पूरी ताकत दिखाने का मौका मिलेगा, जबकि पाकिस्तान को भी अपने रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा। अगले दो दिन में दोनों टीमों की तैयारियों को देखते हुए, Asia Cup 2025 का फाइनल बड़ा रोमांचक होने की उम्मीद है।